अपडेटेड 23 June 2025 at 11:39 IST
Pakistan News: 2 दिन पहले तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग करने वाले पाकिस्तान ने पल्टी मार ली है। अमेरिका के हमलों के बाद पाकिस्तान अब ईरान के समर्थन में आकर खड़ा हो गया। उसने ईरान पर अमेरिकी हमलों की निंदा की। इतना ही नहीं अब पाकिस्तान की जनता सड़कों पर उतरकर ईरान के समर्थन में रैली निकाल रही है, जिसमें 'अमेरिका मुर्दाबाद', 'इजरायल मुर्दाबाद' के नारे लगाए जा रहे हैं।
ये वही पाकिस्तान है जिसे आर्मी चीफ बीते दिनों ट्रंप के साथ लंच के बाद उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार देने की बात कह रहे थे। इतना ही नहीं पाकिस्तानी सरकार ने आधिकारिक तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति को इसके लिए नॉमिनेट तक कर दिया। इसके कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने यू-टर्न ले लिया।
इस बीच पाकिस्तान के इस्लामाबाद से एक वीडियो सामने आया है, जहां ईरान के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे हुए नजर आए। वीडियो में रैली में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हुए, जिनके हाथों में ईरान के झंडे और ईरानी नेताओं के पोस्टर दिख रहे हैं। ईरान के सपोर्ट में रैली निकालते हुए यह लोग 'अमेरिका मुर्दाबाद' और 'इजरायल मुर्दाबाद' के नारे लगा रहे हैं। हालांकि वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं हुई है।
बता दें कि इससे पहले ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर किए गए अमेरिका के हमले के बाद पाकिस्तान का इस पर बयान भी आया था। उसने इसकी निंदा की और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया।
पाकिस्तानी सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया, "पाकिस्तान, इजरायल द्वारा किए गए हमलों के बाद ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों की निंदा करता है। हम इस क्षेत्र में तनाव के और बढ़ने की संभावना से बेहद चिंतित हैं। हम दोहराते हैं कि ये हमले अंतर्राष्ट्रीय कानून के सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हैं और ईरान को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत खुद का बचाव करने का वैध अधिकार है।"
बयान में यह भी कहा गया, "सभी पक्षों को अंतरराष्ट्रीय कानून, खासतौर पर मानवीय कानून का पालन करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और उद्देश्यों के अनुरूप संवाद, कूटनीति का सहारा लेना ही क्षेत्र में संकटों को हल करने का एकमात्र व्यवहार्य मार्ग है।"
बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान की सरकार ने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए ट्रंप का नाम नॉमिनेट किया था। पाक की ओर से भारत के साथ सीजफायर कराने में ट्रंप के हस्तक्षेप की सराहना की और यह कहा कि उनकी कोशिशों की वजह से ही यह हुआ और एक बहुत बड़े युद्ध का खतरा टल सका। वहीं, 18 जून को पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसीम मुनीर और ट्रंप की व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई थी। तब भी मुनीर ने ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट करने की बात कही थी।
पब्लिश्ड 23 June 2025 at 11:39 IST