अपडेटेड 2 July 2025 at 23:56 IST
पाकिस्तान इस महीने के लिए यूएन सेक्योरिटी काउंसिल का अध्यक्ष रहेगा। हालांकि, यह प्रेसिडेंसी केवल एक महीन के लिए है। ऐसे में यह भारत के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है। भारत और पाकिस्तान के बीच इस वक्त काफी तनावपूर्ण माहौल है। वहीं UNSC की अध्यक्षता की वजह से पाकिस्तान के पास कुछ अधिकार और अवसर भी होंगे, जिसका फायदा वह अपने हितों और भारत के खिलाफ उठा सकता है।
पाकिस्तान लगातार वैश्विक मंचों पर कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा है। हालांकि, भारत ने हर बार पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया और विश्व पटल पर उसकी बोलती बंद कर दी। ऐसे में यूएनएससी की अध्यक्षता मिलने पर पाकिस्तान एक बार फिर से कश्मीर का राग अलापेगा। संभव है कि पाकिस्तान कश्मीर को लेकर एक चर्चा भी बुला सकता है। आइए जानते हैं, कि पाकिस्तान के पास इस एक महीने के लिए क्या-क्या अधिकार हैं।
एजेंडा तय करना: UNSC अध्यक्ष के रूप में, पाकिस्तान UNSC की बैठकों के एजेंडा को निर्धारित करेगा। वह अपने हितों से जुड़े मुद्दों को एजेंडा में शामिल करने का प्रयास कर सकता है।
बैठकों की अध्यक्षता करना: पाकिस्तान UNSC की बैठकों की अध्यक्षता करेगा। इससे उसे चर्चा को निर्देशित करने और अपने हितों को बढ़ावा देने का अवसर मिलेगा।
स्पीकर का चयन करना: UNSC अध्यक्ष के रूप में, पाकिस्तान के पास ये अधिकार भी होगा कि अगर किसी मुद्दे पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई गई है, तो उसमें किसे बोलने का अवसर मिल सकता है। हो सकता है कि पाकिस्तान अपने समर्थन में बोलने वाले देशों के प्रतिनिधित्व को आमंत्रित करे।
पाकिस्तान UNSC की बैठकों में कश्मीर मुद्दे को उठाने का प्रयास कर सकता है। ऐसे में भारत को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। और हर बार की तरह एक बार फिर से पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना होगा। दुनियाभर ने यह देखा है कि कैसे पाकिस्तान आतंक को पनाह देता है और पालता है। ऐसे में अगर पाकिस्तान आतंकवाद का मुद्दा उठाता है, तो भारत के पास अपनी चिंताओं को सामने रखने का मौका होगा। वहीं एक स्थिति यह भी बन सकती है कि पाकिस्तान की UNSC अध्यक्षता के दौरान भारत को अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करना पड़े।
भले ही पाकिस्तान इस महीने यूएनएससी की अध्यक्षता कर रहा है, लेकिन वह एक अस्थायी सदस्य है, और इसलिए उसके पास फैसले लेने का अधिकार नहीं होगा। यूएनएससी में अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन स्थायी सदस्य हैं। ये स्थायी सदस्य ही फैसला कर सकते हैं या फिर उसे खारिज कर सकते हैं। पाकिस्तान को अबतक सात बार यूएनएससी का अध्यक्ष बनाया गया है और हर बार उसने कश्मीर के मु्द्दे पर चर्चा करने की कोशिश की। हालांकि, उसकी मंशा हर बार ही नाकाम रही।
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाक के साथ सिंधु जल समझौता को रद्द कर दिया। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पाकिस्तान यूएनएससी में सिंधु जल समझौता को लेकर भी चर्चा करने की कोशिश कर सकता है। समझौता रद्द होने के बाद से पाकिस्तान लगातार भारत को युद्ध की, खून की नदियां बहाने की खोखली धमकियां देता आ रहा है। ऐसे में इस बार उसके पास वैश्विक मंच पर इस मुद्दे को लेकर रोने का और विक्टिम कार्ड खेलने का मौका है।
पब्लिश्ड 2 July 2025 at 22:51 IST