अपडेटेड May 3rd 2025, 23:11 IST
एक तरफ पाकिस्तान के नेता भारत को युद्ध के लिए गीदड़भभकी दे रहे हैं, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान की सैन्य तैयारियों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि पाकिस्तान के पास तोपखाने में गोला-बारूद की भारी कमी है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सेना के पास केवल 4 दिनों तक युद्ध लड़ने की क्षमता है। इसके बाद गोला-बारूद की कमी के कारण उसकी सेना पहले की तरह सरेंडर कर देगी।
भारत की सैन्य ताकत पहले ही पाकिस्तान से कई गुणा अधिक है। अब आर्थिक संकट और सैन्य संसाधनों की कमी ने पाकिस्तान की सैन्य ताकत को बेहद कमजोर कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि गोला-बारूद की कमी न केवल सैन्य रणनीतियों को प्रभावित कर रही है, बल्कि सीमा पर तनाव की स्थिति में पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को भी सीमित कर सकती है। अगर भारत पहलगाम का बदला लेने के लिए पाकिस्तान पर हमला करता है, तो गोला-बारूद के साथ-साथ खाने के भी लाल पड़ जाएंगे।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक गोला-बारूद की इस कमी का कारण यूक्रेन के साथ देश के हालिया हथियार सौदे हैं, जिससे उसके युद्ध भंडार खत्म हो गए हैं। ANI ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि सेना को आपूर्ति करने वाली पाकिस्तान की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री (POF) को पुरानी उत्पादन सुविधाओं के बीच आपूर्ति को फिर से भरने में संघर्ष करना पड़ रहा है। फिलहाल पाकिस्तान की उच्च-तीव्रता वाले संघर्ष को झेलने के क्षमता मात्र 96 घंटे है।
पाकिस्तान की सेना अब इस कमी के कारण रणनीतिक दबाव में है। भारत के सामने पाकिस्तान कितने समय तक टिका रह सकता है, ये उसके तोपखाने और बख्तरबंद इकाइयों पर निर्भर करता है। अपने M109 हॉवित्जर तोप के लिए पर्याप्त 155mm के गोले या अपने BM-21 सिस्टम के लिए 122mm रॉकेट के बिना, भारतीय आक्रमण को विफल करने की क्षमता पाकिस्तान के पास नहीं है।
अप्रैल, 2025 में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि पाकिस्तान ने भारी मात्रा में 155mm के गोले यूक्रेन को भेजे हैं। महत्वपूर्ण गोला-बारूद की कमी के कारण पाकिस्तानी सेना में घबराहट है। ANI ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि 2 मई, 2025 को विशेष कोर कमांडरों की बैठक में कई अन्य बातों के अलावा इस पर चर्चा की गई।
पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है। बढ़ते कर्ज और घटते विदेशी मुद्रा भंडार ने उसकी मुश्किलों को और अधिक बढ़ाया है। पाकिस्तानी सेना के पास अपने टैंकों में भरने के लिए ईंधन भी नहीं है। ईंधन की कमी के कारण सेना को राशन में कटौती करने, सैन्य अभ्यास स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
पब्लिश्ड May 3rd 2025, 23:11 IST