अपडेटेड 24 November 2025 at 12:43 IST
'क्या पता कल सिंध भारत का हिस्सा...', राजनाथ सिंह के बयान से PAK को लगी मिर्ची, कहा- ये हिंदुत्व सोच
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सिंध को लेकर दिए गए बयान पर पाकिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा भी उठाया।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
- 4 min read

Pakistan: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बॉर्डर बदलने को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जिससे पाकिस्तान तिलमिला उठा है। आलम यह है कि अब पाकिस्तान इसे 'हिंदुत्व' से जोड़कर भारत की पूर्वोत्तर संबंधी समस्या याद दिला रहा है।
राजनाथ सिंह ने हाल ही में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि सिंध की जमीन भले ही भारत का हिस्सा न हो, लेकिन सभ्यता के हिसाब से सिंध हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा। बॉर्डर बदल सकती हैं, लेकिन क्या पता भविष्य में सिंध फिर से भारत का हिस्सा बन जाए।
'ये विस्तारवादी हिंदुत्व सोच…'
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सिंध को लेकर दिए बयान की आलोचना की। पाक विदेश मंत्रालय ने कहा कि, ‘ऐसे बयानों से विस्तारवादी हिंदुत्व सोच का पता चलता है जो स्थापित सच्चाइयों को चुनौती देना चाहती है और अंतरराष्ट्रीय कानून, मान्यता प्राप्त सीमाओं की अखंडता और राज्यों की संप्रभुता का स्पष्ट उल्लंघन करती है।’
पाकिस्तान ने की ये गुजारिश
पाकिस्तान ने कहा कि 'हम राजनाथ सिंह और दूसरे भारतीय नेताओं से गुजारिश करते हैं कि वह भड़काऊ बयानबाजी से बचें जिससे इलाके की शांति और स्थिरता को खतरा हो। भारत सरकार के लिए अपने नागरिकों, खासकर कमजोर अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा पक्की करने पर ध्यान देना ज्यादा अच्छा होगा।'
Advertisement
'पूर्वोत्तर के लोगों की समस्याओं के समाधान पर ध्यान दें'
पाक ने आगे कहा, 'भारत को उन लोगों को जिम्मेदार ठहराना चाहिए जो उनके खिलाफ हिंसा करते हैं या भड़काते हैं। धर्म और ऐतिहासिक तोड़-मरोड़ के आधार पर भेदभाव को दूर करना चाहिए। भारत को अपने पूर्वोत्तर राज्यों में रहने वाले लोगों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए, क्योंकि वो अक्सर सिस्टमैटिक तरीके से अलग-थलग किए जाने, पहचान के आधार पर जुल्म, उपेक्षा और हिंसा का सामना करते हैं।'
इसके बाद पाकिस्तान ने फिर से जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठा दिया। पाक ने भारत से आग्रह किया कि 'वो जम्मू-कश्मीर विवाद का समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और वहां के लोगों की आकांक्षाओं अनुसार करें। पाकिस्तान भारत के साथ सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही जरूरत पड़ने पर वह अपनी सुरक्षा, राष्ट्रीय स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।'
Advertisement
राजनाथ सिंह ने क्या-क्या कहा?
बता दें कि नई दिल्ली में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान राजनाथ सिंह ने सिंधी समुदाय के योगदान पर प्रकाश डाला। सिंध, सिंधु नदी के पास का वह क्षेत्र है जो 1947 में भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान में चला गया था। राजनाथ सिंह ने कहा कि सिंधी हिंदुओं, खासकर लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं की पीढ़ी ने सिंध क्षेत्र को भारत से अलग करना कभी स्वीकार नहीं किया।
'सिंध के मुसलमान भी सिंधु नदी के जल पवित्र...'
उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी की किताब का हवाला देते हुए कहा कि 'सिंध की धरती पर बहने वाली सिंधु नदी भारतीय संस्कृति में पूजनीय है। न केवल हिंदू, बल्कि सिंध के कई मुसलमान भी इस नदी के जल को मक्का के आब-ए-जमजम के पानी की तरह पवित्र मानते हैं।'
1947 विभाजन के समय लाखों सिंधी हिंदुओं को अपनी जन्मभूमि छोड़नी पड़ी थी और वह आज भी अपनी जड़ों से जुड़े रहने का प्रयास करते हैं। राजनाथ सिंह ने कहा, 'सिंध के वह लोग जो सिंधु नदी को पवित्र मानते हैं, वे हमेशा हमारे अपने रहेंगे। चाहे वे कहीं भी रहें, उनका भारत से भावनात्मक लगाव अटूट है।'
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान के पेशावर में एक के बाद एक दो बड़े धमाके
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 24 November 2025 at 12:43 IST