अपडेटेड 22 September 2025 at 13:55 IST
पाकिस्तानी सेना ने अपने ही देश में कर डाला 'एयर स्ट्राइक', खैबर पख्तूनख्वा में फाइटर जेट से गिराए LS-6 बम; 30 बेगुनाहों की मौत
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, खैबर जिले के तिराह इलाके पर रविवार देर रात पाकिस्तानी वायुसेना ने भारी बमबारी की, जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, खैबर जिले के तिराह इलाके पर रविवार देर रात पाकिस्तानी वायुसेना ने भारी बमबारी की, जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई। बड़ी संख्या में घायल हुए लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। कई पीड़ित अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं, जिससे मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
स्थानीय चैनल एएमयू टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने तिराह घाटी के मत्रे दारा गांव को निशाना बनाकर हमला किया। आधी रात करीब 2 बजे JF-17 विमान से आठ से ज्यादा LS-6 बम गिराए गए। इन हमलों में दर्जनों मकान ढह गए और नींद में सो रहे पूरे परिवार दब गए। बचाव दल और ग्रामीण हमले के कई घंटों बाद भी मलबा खंगालते रहे। वहीं घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
पाकिस्तानी सेना पर "नरसंहार" का आरोप
स्थानीय समुदाय ने इस हमले को "नरसंहार" करार देते हुए पाकिस्तानी सेना की कड़ी निंदा की है। मत्रे दारा गांव में सबसे ज्यादा तबाही हुई है, जहां शवों और घायलों को निकालने का सिलसिला लगातार जारी है। लोगों का कहना है कि सेना ने जानबूझकर आवासीय इलाकों को निशाना बनाया।
गौरतलब है कि खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान लंबे समय से अशांति और विद्रोह की चपेट में हैं। यहां कई उग्रवादी और स्थानीय सशस्त्र संगठन सक्रिय हैं, जो अधिक अधिकार और संसाधनों की मांग करते हैं। पाकिस्तान की सरकार और सेना इन गुटों को आतंकी करार देकर सख्त अभियान चलाती रही है। हाल के वर्षों में इन इलाकों से सेना द्वारा नागरिकों पर अत्याचार, जबरन गायबियां और हत्याओं के आरोप लगातार सामने आते रहे हैं।
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हमले को लेकर अब तक पाकिस्तानी सेना और सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन नागरिकों के बीच गुस्सा और डर गहराता जा रहा है, क्योंकि यह कदम सिविल आबादी पर सीधा हमला माना जा रहा है।
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Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 22 September 2025 at 13:55 IST