अपडेटेड 3 June 2025 at 13:40 IST
पाकिस्तान में भारत के एक और दुश्मन का काम तमाम हो गया है। आतंक का चेहरा कहे जाने वाले जैश ए मोहम्मद के कमांडर और खूंखार आतंकवादी मौलाना अब्दुल अजीज इसर की मौत हो गई है। पाकिस्तान के बहावलपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी लाश मिली है। बहावलपुर में ही जैश का मुख्यालय भी है। अब्दुल अजीज की मौत की खबर से पूरे पाकिस्तान में खलबली मच गई है। इस कुख्यात जैश-ए-मोहम्मद आतंकी ने भारत के खिलाफ जहर उगला था। हालांकि उसकी मौत कैसे हुई, यह अब तक एक रहस्य बना हुआ है।
अब्दुल अजीज ईसर पंजाब प्रांत के भक्कर जिले के अशरफवाला, कल्लूर कोट क्षेत्र का रहने वाला था और जैश के शीर्ष नेतृत्व में शामिल था। वह लंबे समय से भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा था और कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड भी माना जाता था। सूत्रों के अनुसार, उसका जनाजा जैश के मुख्यालय बहावलपुर स्थित ‘मरकज’ में आयोजित किया जाएगा। वहां आतंकी संगठन के अन्य शीर्ष नेताओं और कट्टर समर्थकों के शामिल होने की संभावना है। मौलाना अजीज की मौत को जैश के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वह संगठन की विचारधारा और आतंकी भर्ती अभियान का अहम चेहरा था।
भारत को दी थी गीदड़ भभकी
रिपोर्ट्स के मुताबिक अब्दुल अजीज वही आतंकी था, जिसने पिछले महीने जैश की एक रैली में भारत के खिलाफ जहर उगला था। उसने खुले मंच से धमकी दी थी कि भारत का हश्र भी USSR जैसा होगा। उसका सपना तो नहीं पूरा होने वाला, लेकिन आज वही आतंकी खुद काल के मुंह में समा चुका है। इस मौत को लेकर जैश और पाकिस्तान सरकार ने चुप्पी साध रखी है। जैश से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट्स ने उसकी मौत और जनाजे की पुष्टि की है, लेकिन मौत की वजह पर एक शब्द नहीं बोला गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अब्दुल अजीज जैश-ए-मोहम्मद के पंजाब प्रांत और खासतौर पर बहावलपुर, रावलपिंडी जैसे इलाकों में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भारत के खिलाफ भड़काने का काम करता था। आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही पाकिस्तान में आतंकी हिले हुए हैं। वह भारत के खिलाफ लगातार जहर उगल रहे हैं।
पब्लिश्ड 3 June 2025 at 13:40 IST