अपडेटेड 3 June 2025 at 12:50 IST
Bahraich: महसी इलाके में फिर आ गया नरभक्षी भेड़िया! मां की गोद में सो रहे मासूम को ले भागा, गन्ने के खेत में मिला क्षत-विक्षत शव
बहराइच में एक बार फिर नरभक्षी भेड़िए ने अपनी दस्तक दे दी है। सोमवार की रात को लगभग साढ़े 12 बजे नरभक्षी ने एक मासूम पर हमला बोला और एक मां की गोद से उसका 3 वर्षीय बेटा छीनकर लेकर भाग गया। सुब इस मासूम का क्षत-विक्षत शव गन्ने के खेत से बरामद हुआ। भेड़िए ने बच्चे के दोनों हाथ और एक पैर को चबा लिया था।
- भारत
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उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक बार फिर से खूंखार नरभक्षी भेड़िए की वापसी हो गई है। सोमवार की रात महसी तहसील में एक दर्दनाक घटना घटी जिसने पूरे गांव को दहला दिया। रात करीब साढ़े 12 बजे, एक मां अपने मासूम बच्चे को गोद में लेकर घर के बाहर बैठी थी, तभी अचानक एक भेड़िया वहां आ धमका और मां की गोद से बच्चे को उठाकर जंगल की ओर भाग गया। बच्चे की चीख सुनकर मां ने तुरंत शोर मचाया और भेड़िए के पीछे दौड़ी, लेकिन घना अंधेरा और जंगल की ओर जाता रास्ता भेड़िए को ओझल कर गया। पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। परिजन और ग्रामीण टॉर्च लेकर रातभर खेतों और जंगलों में बच्चे को खोजते रहे। सुबह करीब 5 बजे, गांव से लगभग दो किलोमीटर दूर एक गन्ने के खेत में बच्चे का क्षत-विक्षत शव मिला।
नरभक्षी भेड़िया मासूम के दोनों हाथ और एक पैर चबा चुका था। जैसे ही मां को बेटे की मौत की खबर मिली और शव देखा, वह बेहोश होकर गिर पड़ी। घटना के बाद से वह होश में नहीं आई है। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस और वन विभाग को सूचित किया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई, लेकिन वन विभाग का कोई भी कर्मचारी घटनास्थल पर नहीं आया, जिससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। यह घटना बहराइच की महसी तहसील के गढ़ीपुरवा नाम के गांव की है जिसने पूरे इलाके में एक बार फिर से भेड़िए की दहशत फैला दी है। फखरपुर थाना क्षेत्र के कोठवल कला गांव की रहने वाली खुशबू की शादी कुछ साल पहले हुई थी। करीब 15 दिन पहले वह अपने दो साल के बेटे आयुष के साथ मायके, गढ़ीपुरवा गांव, आई थी। भीषण गर्मी के चलते खुशबू अपने बेटे को लेकर घर के बरामदे में चारपाई पर सो रही थी।
दबे पांव आया नरभक्षी मासूम को मुंह में दबाकर ले गया
रात के समय घटना उस रात की है जब सब कुछ सामान्य लग रहा था। रात करीब साढ़े 12 बजे, जब पूरा गांव गहरी नींद में था, तभी एक भेड़िया दबे पांव घर में घुस आया। बिना कोई आवाज किए, वह सीधा चारपाई के पास पहुंचा और खुशबू के बगल में सो रहे छोटे आयुष को अपने मुंह में दबाकर भाग गया। इस भयावह दृश्य को देख खुशबू की चीख निकल गई, जिससे घर और आसपास के लोग जाग गए। उन्होंने शोर मचाया और भेड़िए के पीछे दौड़ भी लगाई, लेकिन अंधेरे और तेजी से भागते जानवर के कारण वह आंखों से ओझल हो गया। इस दर्दनाक घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। एक मासूम की जान पर अचानक आया यह खतरा गांव में पशु हमलों की बढ़ती घटनाओं की ओर भी इशारा करता है। अब ग्रामीण प्रशासन से सुरक्षा इंतजामों की मांग कर रहे हैं, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
ग्रामीणों में फिर लौटा भेड़िए का खौफ
बहराइच के हरदी क्षेत्र के कई गांव पिछले कुछ वर्षों से आदमखोर भेड़ियों की दहशत झेल रहे हैं। इस दौरान कई बार भेड़ियों के हमले हुए हैं, जिससे ग्रामीणों में भय व्याप्त हो गया है। कुछ महीने पहले वन विभाग ने विशेष अभियान चलाकर कई भेड़ियों को पकड़कर इलाके से दूर ले जाने का प्रयास किया था, जिससे लोगों का डर थोड़ा कम हुआ था। लेकिन हाल ही में एक मासूम बच्चे को भेड़िये द्वारा शिकार बनाए जाने की घटना ने फिर से इलाके में दहशत फैला दी है। जैसे ही यह घटना सामने आई, सैकड़ों ग्रामीण घटना स्थल पर एकत्रित हो गए और भयंकर आतंक का माहौल बन गया। ग्रामीणों का कहना है कि भेड़ियों की इस बढ़ती दहशत से उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और वे वन विभाग से त्वरित एवं कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं ताकि उनकी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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बीते साल विधानसभा में गूंजी थी भेड़िए के आतंक की कहानी
तहसील महसी और उसके आस-पास के क्षेत्र पिछले दो वर्षों से भेड़िया हमलों की भयानक स्थिति से जूझ रहे हैं। इस दौरान कुल 10 बच्चों और 2 वयस्कों की जानें भेड़ियों के हमलों का शिकार बनी हैं, जिससे इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है। इस समस्या की गूंज विधानसभा तक पहुंची, और तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इस मामले की गंभीरता को समझते हुए कमान संभाली। उन्होंने प्रशिक्षित दलों को भेजकर भेड़ियों को मारने के आदेश दिए ताकि इस जानलेवा समस्या का अंत किया जा सके। इन प्रयासों के तहत पांच भेड़ियों को पकड़ने में सफलता मिली। इस इलाके में लगातार भेड़ियों का आतंक फैला हुआ है और लोगों की जान के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है। ग्रामीण और प्रशासन इस दहशतनाक शिकारी को पकड़ने के लिए अभी भी प्रयासरत हैं।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 3 June 2025 at 12:50 IST