अपडेटेड 28 September 2025 at 12:18 IST

इजरायल ने पाकिस्तान के टैंकर पर किया हमला, शहबाज-मुनीर की टेंशन बढ़ी! क्या सऊदी अरब के साथ 'परमाणु समझौते' से नाराज हैं नेतन्याहू?

गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने शनिवार को बताया कि एक इजरायली ड्रोन ने यमनी बंदरगाह पर खड़े एक LPG टैंकर पर हमला किया था, जिसमें 24 पाकिस्तानियों सहित 27 चालक दल के सदस्य थे।

Ship on fire off Yemen after being attacked in Red Sea
प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: AI-Generated Image

पाकिस्तानः गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने शनिवार को बताया कि एक इजरायली ड्रोन ने यमनी बंदरगाह पर खड़े एक LPG टैंकर पर हमला किया था, जिसमें 24 पाकिस्तानियों सहित 27 चालक दल के सदस्य थे।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर नकवी ने कहा, "17 सितंबर 2025 को रास अल-एसा बंदरगाह (हूती नियंत्रण में) पर खड़े एक एलपीजी टैंकर पर, जिसमें 27 चालक दल के सदस्य (कैप्टन मुख्तार अकबर सहित 24 पाकिस्तानी, 2 श्रीलंकाई और 1 नेपाली) थे, एक इजरायली ड्रोन ने हमला किया।"

बताया जा रहा है कि एक एलपीजी टैंक में विस्फोट होने पर चालक दल ने आग बुझा दी, लेकिन जहाज को हूती नौकाओं ने रोक लिया और चालक दल के सदस्यों को बंधक बना लिया गया। नकवी के अनुसार, टैंकर और उसके चालक दल को अब हूतियों ने रिहा कर दिया है और अब वे यमनी जलक्षेत्र से बाहर हैं।

घटना पर चिंता व्यक्त की 

पोस्ट में नकवी ने उन अधिकारियों का जिक्र किया जिन्होंने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यमनी अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया। नकवी ने पोस्ट में लिखा, "मैं आंतरिक सचिव खुर्रम आगा और अन्य गृह मंत्रालय के अधिकारियों, ओमान में राजदूत नवीद बुखारी और उनकी टीम, सऊदी अरब में हमारे सहयोगियों और विशेष रूप से हमारी सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों का तहे दिल से आभारी हूं, जिन्होंने असाधारण परिस्थितियों में दिन-रात काम करके हमारे नागरिकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित की, जब उम्मीदें धूमिल हो रही थीं।"

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इससे पहले, दिन में पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने एक बयान जारी कर इस घटना पर चिंता व्यक्त की और बताया कि पाकिस्तानी दूतावासों ने चालक दल की कुशलता सुनिश्चित करने के लिए यमन में अधिकारियों से संपर्क स्थापित किया है।

सऊदी अरब के साथ डील

'स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट', एक ऐसा समझौता है, जो सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच एक ऐतिहासिक डील के रूप में देखा जा रहा है। इस समझौते की अहमियत इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि किसी एक देश पर हमला, दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। इसका मतलब है कि अगर पाकिस्तान पर कोई बाहरी हमला होता है तो सऊदी अरब उसकी रक्षा में खड़ा होगा और अगर सऊदी को खतरा होता है तो पाकिस्तान उसका सैन्य सहयोगी बनेगा।

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आपको बता दें कि सऊदी अरब के साथ इस समझौते ने इजरायली पीएम नेतन्याहू के कान भी खड़े कर दिए हैं। अगर सऊदी अरब को पाकिस्तान परमाणु बम देता है, तो इससे इजरायल को नुकसान हो सकता है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि यह समझौता करके पाकिस्तान ने बेवजह इजरायल से दुश्मनी ले ली है।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 28 September 2025 at 12:09 IST