अपडेटेड 26 April 2025 at 16:34 IST

अब प्यासा मरेगा पाकिस्‍तान! भारत के एक्‍शन के बाद घटने लगा चिनाब नदी का जलस्‍तर; पहलगाम आतंकी हमले का बदला शुरू

25 अप्रैल को गृह मंत्री अमित शाह और जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया कि भारत से पाक के लिए पानी की एक बूंद भी नहीं जाएगी।

A-dam-on-Indus-river-in-Jammu-and-Kashmir
अब प्यासा मरेगा पाकिस्‍तान! भारत के एक्‍शन बाद घटने लगा चिनाब नदी का जलस्‍तर; पहलगाम आतंकी हमले का बदला शुरू | Image: PTI

22 अप्रैल सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत ने बड़ा कूटनीतिक कदम उठाया है। बुधवार (24 अप्रैल) को भारत सरकार ने ऐतिहासिक सिंधु जल संधि को निलंबित करते हुए पाकिस्तान को जाने वाला चिनाब नदी का पानी रोकने का निर्णय लिया। इस कदम को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 25 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया कि भारत से पाकिस्तान के लिए पानी की एक बूंद भी नहीं जाएगी। यह रणनीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर अमल करके तैयार की गई है।


26 अप्रैल को भारत ने चिनाब नदी में जाने वाला पानी रोक दिया। पानी रोके जाने की वजह से चिनाब नदी का जलस्तर लगातार घटने लगा है। भारत ने चिनाब नदी पर बनी बगलिहार जलविद्युत परियोजना से जल प्रवाह को नियंत्रित करना शुरू कर दिया है। भारत के इस एक्शन से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सियालकोट में बना  मारला हेडवर्क्स पर तेजी से जलस्तर गिरा है। यहां के स्थानीय लोगों ने इसे बड़ी चिंता का विषय बताया है। पानी का स्तर तेजी से गिरा है। स्थानीय लोगों ने जल संकट की स्थिति बताई है, जिससे साफ है कि भारत का फैसला प्रभावी हो रहा है।


सियालकोट के किसानों ने बताया गंभीर संकट

सियालकोट और उसके आसपास के इलाकों के किसानों और स्थानीय निवासियों ने जल आपूर्ति में अचानक आई गिरावट को 'गंभीर संकट' बताया है। खेतों की सिंचाई रुक गई है, और पीने के पानी की भी किल्लत महसूस की जा रही है। लोग आशंकित हैं कि अगर यह हालात कुछ दिन और चले, तो जीवन यापन मुश्किल हो जाएगा। हालिया पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के प्रति सख्त रुख अपनाया है। सिंधु जल समझौते की समीक्षा और जल प्रवाह रोकने का फैसला उसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। भारत इस निर्णय के जरिए न केवल पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है, बल्कि यह संकेत भी दे रहा है कि अब जल भी उसकी कूटनीतिक नीति का हिस्सा बन चुका है।


पाकिस्तान ने कहा- हम इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाएंगे

पाकिस्तान ने भारत के इस कदम की कड़ी निंदा की है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'भारत का यह कदम सिंधु जल संधि का खुला उल्लंघन है और इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ेगा। हम इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएंगे।' वहीं चिनाब नदी पर बने बगलिहार जलविद्युत परियोजना के जरिए भारत ने नदी के पानी के प्रवाह को नियंत्रित करना शुरू कर दिया है। इस कदम के बाद, पाकिस्तान के सियालकोट, पंजाब में स्थित मारला हेडवर्क्स के स्थानीय लोगों ने बताया कि चिनाब नदी में पानी का स्तर काफी कम हो गया है। चिनाब नदी पाकिस्तान के कृषि और पेयजल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है।

Advertisement

सिंधु जल संधि का इतिहास

सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हस्ताक्षरित हुई थी। यह संधि दोनों देशों के बीच जल बंटवारे को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता है। इसके तहत: पूर्वी नदियाँ (सतलुज, ब्यास, और रावी) मुख्य रूप से भारत के उपयोग के लिए हैं। पश्चिमी नदियां (सिंधु, झेलम, और चिनाब) मुख्य रूप से पाकिस्तान के लिए हैं, लेकिन भारत को इन पर जलविद्युत परियोजनाएं बनाने का सीमित अधिकार है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने जम्मू-कश्मीर में चिनाब और झेलम नदियों पर कई जलविद्युत परियोजनाएं शुरू कीं, जिन पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई थी। हालांकि, भारत का कहना रहा है कि ये परियोजनाएँ संधि के नियमों के अनुरूप हैं।


भारत सरकार का तर्क

भारत सरकार का कहना है कि सिंधु जल संधि को निलंबित करना राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दृष्टि से जरूरी था। सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि वह चिनाब और अन्य नदियों के पानी का उपयोग जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों में सिंचाई, बिजली उत्पादन, और पेयजल आपूर्ति के लिए करेगी। जम्मू-कश्मीर के स्थानीय नेताओं ने इस कदम का स्वागत किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,'चिनाब का पानी हमारे लिए जीवन रेखा है। इसका उपयोग अब हमारे किसानों और लोगों के लिए होगा, न कि उन लोगों के लिए जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं।'

Advertisement

यह भी पढ़ेंः 'लाहौर लेना है ले लो, आधे...', अपने ही देश का मजाक उड़ा रहे पाकिस्तानी

Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 26 April 2025 at 16:34 IST