अपडेटेड 12 December 2025 at 16:47 IST
गरीबी में आटा गीला... पाकिस्तान पर नई आफत, करप्शन पर करना होगा कंट्रोल; IMF ने लगा दी ये 11 शर्तें, नहीं किया पालन तो कर्ज से धो लेगा हाथ
IMF conditions on Pakistan: पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है। यहां महंगाई आसमान छू रही है। खाने के सामान से लेकर वाहनों के तेल तक, सभी के दाम काफी अधिक हो गए है। इससे पाकिस्तान की आम जनता काफी परेशान है। देश की आर्थिक संकट को कम करने के लिए शहबाज शरीफ सरकार को पैसों की जरूरत है, जिसे वे IMF से भी मांग रहे हैं। अब इसके लिए उन्हें कुछ शर्तों का पालना करना होगा।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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IMF conditions on Pakistan: अमेरिका में स्थित अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक कोष (IMF) ने पाकिस्तान पर 11 नई शर्तें लगाई हैं। अब IMF से पाकिस्तान को कर्ज लेने के लिए इन 11 शर्तों को पूरा करना पड़ेगा।
यहां बता दें कि पाकिस्तान की खराब होती अर्थव्यवस्था दुनिया में किसी से छिपी नहीं है। यहां महंगाई आसमान को छू रही है। पाक के कई क्षेत्रों में जनता में भुखमरी की स्थिति है। कई जगहों पर लोग खाने के लिए तरश रहे हैं क्योंकि इस देश में महंगाई और भ्रष्टाचार ही इतनी है। देश की स्थिति को सही करने के लिए पाकिस्तान को काफी पैसों की जरूरत होती है। इसको लेकर यह देश और शहबाज शरीफ सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर्ज मांगता हुआ दिखता है। इस बीच IMF ने पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए कुल 11 नई शर्तों को पालन करने की बात कही है।
7 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज और शर्त
विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, International Monetary Fund यानी आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने 11 नई शर्तें रखी हैं। यह शर्तें 7 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज (किसी आर्थिक संकट से जूझ रहे देश को बचाने के लिए दी जाने वाली वित्तीय मदद) की दूसरी समीक्षा के तहत रखी गई हैं। इसमें पाकिस्तान से कहा गया है कि अगर वह इन शर्तों को पूरा करता है तभी उसे कर्ज दिया जा सकता है। आइए अब जानते हैं कि ये 11 शर्तें आखिरकार क्या हैं और इसमें IMF की ओर से पाकिस्तान के लिए क्या-क्या कहा गया है...
IMF की ये 11 शर्तें
- 10 हाई रिस्क डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए एक्शन प्लान।
- सितंबर 2025 तक लोकल करेंसी बॉन्ड मार्केट रिफॉर्म्स के लिए एक स्टडी और स्ट्रैटेजी।
- दिसंबर 2025 तक सीनियर फेडरल सिविल सर्वेट्स की एसेट डिक्लेरेशन पब्लिक की जाएंगी। इसके बाद में इसे प्रोविंस तक बढ़ाया जाएगा।
- दिसंबर 2025 तक KPIs और तीन प्रायोरिटी एरियाज के जरूरी इम्प्लीमेंटेशन के साथ एक कॉम्प्रिहेंसिव FBR रिफॉर्म रोडमैप।
- दिसंबर 2025 तक एक मीडियम-टर्म टैक्स रिफॉर्म स्ट्रैटेजी।
- मई 2025 तक रेमिटेंस कॉस्ट और क्रॉस बॉर्डर पेमेंट्स में रुकावटों का पूरा असेसमेंट।
- फाइनेंशियल इंटेलिजेंस तक एक्सेस के साथ मजबूत प्रोविंशियल एंटी-करप्शन यूनिट्स।
- रेवेन्यू कम होने पर अगले साल एक मिनी-बजट लागू करने का एग्रीमेंट।
- एलीट कैप्चर को खत्म करने के लिए जून 2025 तक एक नेशनल शुगर मार्केट लिबरलाइजेशन पॉलिसी।
- कंपनीज एक्ट में अमेंडमेंट्स और SEZ एक्ट में रिफॉर्म्स।
- पावर एंटिटीज HESCO और SEPCO में प्राइवेट सेक्टर पार्टिसिपेशन के लिए प्री-कंडीशन्स और PSO एग्रीमेंट्स पर साइन करना।
18 महीनों में कुल शर्तों की संख्या 64
इन शर्तों के बाद IMF ने कहा कि ये सभी चीजें और उपाय पाकिस्तान की टैक्स मशीनरी को सही करने और उसमें सुधार करने के नजरिए से किए गए हैं। इसके अलावा पाक में सरकार की कमियों को दूर करने और उसके पावर सेक्टर के नुकसान को कम करने के लिए भी किए गए हैं। बता दें कि आईएमएफ ने पाकिस्तान पर 7 अरब बेलआउट प्रोग्राम में ये 11 नई शर्तें जोड़ी हैं। इसके साथ ही महज 18 महीनों में कुल शर्तों की संख्या करीब 64 हो गई हैं। इन शर्तों की एक खास बात यह भी है कि ये पाकिस्तान में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए भी लगाए गए हैं। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार को अगर देश की आर्थिक स्थिति को सही करनी है और इसके लिए कर्ज चाहिए तो उन्हें इन शर्तों को पूरा करना होगा।
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Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 12 December 2025 at 16:47 IST