अपडेटेड 11 March 2024 at 23:24 IST
'अब खुली हवा में सांस लेंगे पाकिस्तानी हिंदू...', CAA लागू होने पर दानिश कनेरिया ने कहा- धन्यवाद
CAA Notification : CAA लागू होने के बाद तीन पड़ोसी देशों के शरणार्थियों में जश्न का माहौल है। पूर्व PAK क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने CAA लागू होने पर खुशी जताई।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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CAA Notification : तीन पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ित गैर मुस्लिमों को भारत में नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है। मोदी सरकार ने लंबे इंतजार के बाद भारत में शरण के लिए ईसाई, हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध धर्म के शरणार्थियों को नागरिकता देने वाला CAA कानून लागू कर दिया है।
इस कानून के लागू होने के बाद देशभर में रह रहे तीन पड़ोसी देशों के शरणार्थियों में जश्न का माहौल है। इसके साथ ही सरहद पार से पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। दानिश कनेरिया ने CAA लागू करने का स्वागत किया है। उन्होंने X पर दो पोस्ट किए हैं। एक पोस्ट में पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर ने लिखा- 'पाकिस्तानी हिंदू अब खुली हवा में सांस ले सकेंगे।' अपनी दूसरी पोस्ट में दानिश ने पीएम मोदी और अमित शाह को धन्यवाद कहा है।
39 पन्ने का नोटिफिकेशन
गृह मंत्री अमित शाह ने 39 पन्ने का नोटिफिकेशन जारी किया है। गृह मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने अपनी प्रतिबद्धता निभाई है। 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए शरणार्थी CAA के नए नियम के तहत नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। CAA के ऑनलाइन पोर्टल को रजिस्ट्रेशन के लिए तैयार कर लिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसका ड्राई रन भी कर लिया है।
ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आवेदक को बताना होगा कि वो भारत कब आए? शरणार्थी पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि 5 साल से अधिक रखी गई है।
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1,414 विदेशियों को दी भारतीय नागरिकता
गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार एक अप्रैल, 2021 से 31 दिसंबर, 2021 तक इन तीन देशों के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 1,414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई। वे नौ राज्य जहां पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत पंजीकरण या देशीयकरण द्वारा भारतीय नागरिकता दी जाती है उनमें गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र शामिल हैं।
असम और पश्चिम बंगाल में यह मुद्दा राजनीतिक रूप से बहुत संवेदनशील है, लेकिन सरकार ने इन दोनों राज्यों में से किसी भी जिले को अब तक नागरिकता प्रदान करने की शक्ति नहीं प्रदान की है।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 11 March 2024 at 23:24 IST