अपडेटेड 13 October 2025 at 19:17 IST

'जो पाप क‍िए हैं, अब उसका फल भुतगना होगा', पाकिस्तान के खिलाफ जमकर गरजे अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति; बोले- खुल गई PAK की पोल

अफगानिस्तान बॉर्डर पर तालिबानी लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दिया। बॉर्डर के अंदर घुसकर तालिबान ने पाकिस्तानी सेना के 60 जवानों को ढेर कर दिया।

Amrullah Saleh-Shehbaz Sharif
Amrullah Saleh-Shehbaz Sharif | Image: AP
ai-icon

Show Quick Read

dropdown-arrow
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed

अफगानिस्तान बॉर्डर पर तालिबानी लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दिया। बॉर्डर के अंदर घुसकर तालिबान ने पाकिस्तानी सेना के 60 जवानों को ढेर कर दिया। इन सबके बीच अब अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने पाकिस्तान को आईना दिखा दिया है।

सालेह ने कहा कि जब तालिबान को पाल रहे थे, तब पाकिस्तान को सब अच्छा लग रहा था। अब पाकिस्तान की पोल खुल गई है।

उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान ने जो पाप किए हैं, उसका फल तो भुगतना पड़ेगा। सेना पर भरोसा करने की उनकी आदत उन्हें ले डूबेगी।

सालेह ने एक्स पर किया पोस्ट

अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति ने एक्स पर लिखा, "जब पाकिस्तानी तालिबान को बनाने, उसका समर्थन करने और उसके साथ लड़ने के लिए खेद व्यक्त करते हैं, तो वे अनजाने में उन सभी सबूतों और शब्दों की पुष्टि करते हैं जो हम इस विनाशकारी नीति के बारे में वर्षों से कहे हैं। पाकिस्तान ने कभी भी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों का पालन नहीं किया और तालिबान को हर संभव तरीके से देश का इस्तेमाल करने दिया। इनमें सैन्य प्रशिक्षण, सर्दियों में स्वास्थ्य लाभ, घायलों का इलाज, उनके परिवारों का पुनर्वास, वित्तीय लेन-देन, मुखौटा कंपनियां, दस्तावेज जालसाजी (पाकिस्तानी पासपोर्ट का इस्तेमाल सहित), और पाकिस्तान के मौलवी और मदरसा समुदायों के साथ एकीकरण शामिल है।

Advertisement

उन्होंने लिखा, "पाकिस्तानी राजनयिकों ने तालिबान के पक्ष में पैरवी की, और कई बार अफगानिस्तान के सामाजिक ताने-बाने पर सवाल उठाए क्योंकि तालिबान के बिना यह अस्वाभाविक लगता है। मेरा सुझाव है कि पाकिस्तानी पॉडकास्टर और पत्रकार मेरे पुराने बयानों, भाषणों और लेखों का इस्तेमाल करके अपनी स्थापना की मूर्खता को उजागर करें, अगर उनमें ऐसा करने का साहस है। पाकिस्तान के इनकार से लेकर उसके पछतावे तक, यह एक उथल-पुथल भरा सफर रहा है जो अभी तक खत्म नहीं हुआ है।"

'पाकिस्तान का पर्दाफाश'

अमरुल्लाह सालेह ने पोस्ट में आगे लिखा, "आतंकवाद-विरोध का युग समाप्त हो गया है। तालिबान के दोहा कार्यालय और दोहा समझौते पर हस्ताक्षर के साथ ही भू-राजनीति का युग शुरू हुआ, जो एक साजिश जैसा था। पाकिस्तान इस बदलाव को पहचानने में विफल रहा और अपने सैन्य नेतृत्व की बुद्धिमत्ता को बढ़ा-चढ़ाकर आंकने लगा। दशकों तक भू-राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उग्रवाद के इस्तेमाल में महारत हासिल करने के बाद, ऐसा लगता है कि पाकिस्तान के पास प्रभावी हथियार खत्म हो गए हैं और उसने अपनी वायु सेना का सीधा इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। तालिबान अब क्वेटा स्थित अपनी केंद्रीय समिति, जिसे क्वेटा शूरा भी कहा जाता है, के दिनों की तुलना में कमतर स्थिति में हैं। सच्चाई सामने आ गई है और उनका पर्दाफाश हो गया है।"

Advertisement

उन्होंने कहा कि व्यापक क्षेत्र गैर-तालिबान अफगानिस्तान की पीड़ा और आक्रोश को कम करके आंक रहा है और उसे नजरअंदाज कर रहा है। तालिबान द्वारा संचालित अफगानिस्तान में कोई भी निवेश बर्फ के गोले तलने जैसा है।"

ये भी पढ़ेंः इजरायली संसद में भाषण दे रहे थे ट्रंप, तभी नरसंहार का बोर्ड लेकर...

Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 13 October 2025 at 19:17 IST