अपडेटेड 6 May 2025 at 19:45 IST
भारत के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान की मदद करने से पहले 100 बार सोचेगा चीन, अंतरराष्ट्रीय मंच पर साध ली चुप्पी; ये है वजह
पीएम मोदी के साथ हुई बातचीत में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज ने साफ तौर पर स्पष्ट किया कि वो हर कदम पर भारत का साथ देने के लिए तैयार हैं।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर सिंधु जल समझौता संधि सहित कई सख्त एक्शन लिए हैं। भारत के इन एक्शंस के बाद पाकिस्तान बिलबिलाया हुआ है। अब दोनों देशों के बीच माहौल इतने बिगड़ चुके हैं कि कभी भी युद्ध हो सकता है। सिंधु जल समझौता निलंबित किए जाने के बाद भारत ने एक के बाद एक करके झेलम और चिनाब नदियों के पानी पाकिस्तान जाने से रोक दिए। वहीं पाकिस्तान पड़ोसी मुल्क चीन के दम पर लगातार भारत के खिलाफ हुंकार भरता रहता है। वैसे तो दिखाने के लिए चीन पाकिस्तान के साथ है लेकिन ये चीन की दिखावे की रणनीति है। चीन कभी पाकिस्तान का साथ वैश्विक मंच पर नहीं देगा। इसके पीछे की वजह है भारत के साथ क्वाड का मजबूती से खड़ा होना। क्वाड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हैं। ये चारो अपने आप में किसी महाशक्ति से कम नहीं हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया चुनाव में एक बार फिर से सत्ता में वापसी करने वाले पीएम एंथोनी अल्बनीज को जीत की बधाई देने के लिए फोन पर बातचीत भी की है।
पीएम मोदी के साथ हुई बातचीत में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज ने साफ तौर पर स्पष्ट किया कि वो हर कदम पर भारत का साथ देने के लिए तैयार हैं। पीएम मोदी ने इस बातचीत का जिक्र अपने सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर भी किया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ उठाए जा रहे भारत के सख्त कदमों के तहत इस बातचीत को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पीएम मोदी ने अपनी एक्स पोस्ट में कहा, 'अपने दोस्त एंथनी अल्बनीज से निजी रूप से उनकी पार्टी की ऐतिहासिक जीत पर बधाई देने के लिए बात की। हम भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने और सहयोग के नए क्षेत्रों की खोज करने के लिए नए जोश के साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए।’ इसके पहले शनिवार (3 मई) को एंथोनी अल्बनीज ने 21 साल में लगातार दूसरी बार तीन साल का कार्यकाल हासिल करने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री बने।
पाकिस्तान के मुलाकात तो सिर्फ दिखावा, यूएन में चीन ने साध ली चुप्पी
भारत के खिलाफ आए दिन पाकिस्तान गीदड़भभकियां दिया करता है। इसके पीछे की वजह है उसका पड़ोसी देश चीन। पाकिस्तान को इस बात का यकीन है कि चीन भारत के खिलाफ उसकी मदद के लिए पीछे खड़ा है, लेकिन ये पाकिस्तान की सबसे बड़ी गलतफहमी है। इतना ही नहीं पाकिस्तानी मीडिया ने भी भारत पाकिस्तान तनाव के बीच ऐसी खबरें चलाई जिसमें उन्होंने दावा किया है कि भारत के खिलाफ अगर युद्ध छिड़ता है तो पाकिस्तान के साथ चीन उसके समर्थन में खड़ा रहेगा। हालांकि इसके पहले सोमवार (5 मई) को पाकिस्तान में चीन के राजदूत जियांग जोदोंग ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में जैदोंग ने दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए पाकिस्तान का समर्थन करने की बात कही थी।
पाक मीडिया का दावा उसे चीन का समर्थन लेकिन चीनी मीडिया ने कभी ऐसा दावा नहीं किया
पाकिस्तानी मीडिया भले ही इस बात का प्रोपेगंडा फैलाने में लगी हो कि भारत के साथ युद्ध में चीन पाकिस्तान के समर्थन में खड़ा है लेकिन चीनी मीडिया ने कभी ऐसी कोई खबर नहीं चलाई कि जिससे ये लगे कि वो पाकिस्तान के समर्थन में खड़ा है। वहीं पाकिस्तान के सरकारी रेडियो पाकिस्तान ने बताया,'चीन के राजदूत ने चीन और पाकिस्तान के बीच स्थायी दोस्ती की बात कही है। पाकिस्तानी रेडियो ने चीन और पाकिस्तान के रिश्ते को भाई-भाई वाला रिश्ता बताते हुए कहा कि दोनों ने हमेशा से एक दूसरे का चुनौतीपूर्ण समय में साथ दिया है। वहीं मंगलवार को यूएन की मीटिंग में एक बात और साफ तौर पर दिखाई दी जब पाकिस्तान से पहलगाम आतंकी हमले के बारे में बातचीत हो रही थी तब चीन पाकिस्तान के समर्थन की बात तो छोड़ो उसके साथ खड़ा होने से भी बचता हुआ दिखाई दिया। यूएनएससी की बैठक में पाकिस्तान के साथ दुनिया का कोई देश खड़ा नहीं दिखाई दिया बल्कि उसकी फजीहत हुई।
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पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर भीषण हमला, चीनी मीडिया रिपोर्ट
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने पहलगाम हमले पर लिखा था, 'पहलगाम हमला निर्दोष पर्यटकों पर हमला भीषण था जो अस्वीकार्य है, लेकिन हमला किसने किया? क्यों किया? इसका जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है। भारत ने हमले के लिए पाकिस्तान पर आरोप लगाया है जिसे पाकिस्तानी अधिकारियों ने सिरे से खारिज कर दिया है। जितनी जल्दी हो सके इस हमले की एक पारदर्शी जांच होनी चाहिए।' वहीं चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने भी भारत-पाकिस्तान तनाव पर खबर लिखी जिसमें दोनों देशों के व्यापार पर पूर्णतः लगाम लगाने की खबर थी। 5 मई, रविवार को प्रकाशित खबर में शिन्हुआ लिखता है, 'भारत ने शनिवार को पाकिस्तान से सभी तरह के आयात पर रोक लगा दी। भारत का कहना था कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा और लोगों के हित में लिया गया है।' इस तरह से चीनी मीडिया ने ऐसी कोई बात नहीं लिखी या ऐसा कोई जिक्र नहीं लिखा जिससे ये साबित होता हो कि वो भारत के खिलाफ पाकिस्तान के समर्थन मेंखड़ा हो।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 6 May 2025 at 19:18 IST