अपडेटेड 14 May 2025 at 21:38 IST

PAK सेना पर ताबड़तोड़ हमले के बाद बलूच नेताओं का बड़ा ऐलान- अब हम आजाद हैं, पाकिस्तानी ना कहें; भारत के सामने रख दी बड़ी मांग

बलूच नेता ने पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी का ऐलान कर दिया है। बलूच नेता भारत के सामने एक मांग भी रखी है।

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बलूच नेता ने पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी का ऐलान किया। | Image: ANI

बलूच विद्रोहियों के प्रतिनिधि मीर यार बलूच ने बुधवार को पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में दशकों से हो रही हिंसा, जबरन गायब किए जाने और मानवाधिकारों के उल्लंघन का अंत है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान के लोगों ने अपना राष्ट्रीय फैसला दे दिया है और दुनिया को अब चुप नहीं रहना चाहिए।

बलूच विद्रोहियों के प्रतिनिधि मीर यार बलूच ने कहा, "तुम मरोगे हम निकलेंगे, हम नस्ल बचाने निकले हैं, आओ हमारा साथ दो। पाकिस्तान के कब्जे वाले बलूचिस्तान में बलूच लोग सड़कों पर हैं और यह उनका राष्ट्रीय फैसला है कि बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है और दुनिया अब और मूकदर्शक नहीं रह सकती।"

उन्होंने भारतीय नागरिकों, खास तौर पर मीडिया, यूट्यूबर्स और बुद्धिजीवियों से बलूचों को पाकिस्तान के अपने लोग कहने से बचने का आग्रह किया। बलूच नेता ने कहा, "बलूच नैरेटिव!! प्रिय भारतीय देशभक्त मीडिया, यूट्यूब के साथियों, भारत की रक्षा के लिए लड़ने वाले बुद्धिजीवियों को सुझाव है कि वे बलूचों को पाकिस्तान के अपने लोग न कहें। हम पाकिस्तानी नहीं, बलूचिस्तानी हैं। पाकिस्तान के अपने लोग पंजाबी हैं, जिन्होंने कभी हवाई बमबारी, जबरन गायब किए जाने और नरसंहार का सामना नहीं किया।"

भारत के खुले समर्थन में आया बलूचिस्तान

मीर यार बलूच ने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (पीओजेके) पर भारत के रुख का भी पूरा समर्थन किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान पर इस क्षेत्र को खाली करने के लिए दबाव बनाने का आग्रह किया। मीर यार ने कहा, "14 मई 2025- भारत द्वारा पाकिस्तान को पीओके खाली करने के लिए कहने के फैसले का बलूचिस्तान पूरा समर्थन करता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान से तुरंत पीओके छोड़ने का आग्रह करना चाहिए ताकि ढाका में उसके 93,000 सैन्यकर्मियों को आत्मसमर्पण के एक और अपमान से बचाया जा सके। भारत पाकिस्तानी सेना को हराने में सक्षम है और अगर पाकिस्तान ने कोई ध्यान नहीं दिया तो केवल पाकिस्तानी लालची सेना के जनरलों को ही रक्तपात के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए क्योंकि इस्लामाबाद पीओके के लोगों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।"

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'बलूच को लेकर पाक के नेरेटिव को ना मानें'

उन्होंने बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए भारत और वैश्विक समुदाय से मान्यता और समर्थन का भी आह्वान किया। मीर यार बलूच के अनुसार, दुनिया को बलूचिस्तान को लेकर पाकिस्तान के नेरेटिव को स्वीकार नहीं करना चाहिए। बलूचिस्तान में लंबे समय से मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ। इनमें जबरन गायब करना, हत्याएं और असहमति को दबाना शामिल है। उन्होंने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और सशस्त्र समूहों दोनों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 14 May 2025 at 21:38 IST