अपडेटेड 28 June 2025 at 23:58 IST
सिर मुंडाते ही ओले पड़े... भारत से मुंह की खाने के बाद ट्रंप-मुनीर डिनर डिप्लोमेसी ने PM शहबाज की क्यों बढ़ा दी टेंशन?
भारत से मुंह की खाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप-मुनीर डिनर डिप्लोमेसी ने PM शहबाज शरीफ की टेंशन बढ़ा दी है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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पाकिस्तान के बुरे दिन खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। भारत से मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान की परेशानी और भी बढ़ गई है। एक तरफ पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ को अमेरिकी राष्ट्रपति ने जो चोट दिया है, उसे वह चाहकर भी कम नहीं कर पाएंगे। वहीं दूसरी ओर अपना हितैशी बताने वाले चीन ने भी करारी चोट दे दी है।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को आमंत्रित ना करके पाकिस्तानी आर्मी चीफ असीम मुनीर को लंच पर न्यौता दिया। ट्रंप के इस निमंत्रण में पाकिस्तानी पीएम के कद को छोटा कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने दुनिया को ये संदेश भी दे दिया है कि पाकिस्तान में शहबाज शरीफ से ऊंचा कद असीम मुनीर का है।
ट्रंप ने मुनीर को क्यों दिया न्यौता?
पाकिस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी चर्चा हो रही है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने लंच पर असीम मुनीर को क्यों आमंत्रित किया, पीएम शहबाज शरीफ को क्यों नहीं। देश के प्रधानमंत्री के सामने आर्मी चीफ को इतनी तवज्जो क्यों दी गई। हालांकि, इसका जवाब खुद राष्ट्रपति ट्रंप ने यह कहते हुए दिया कि पाकिस्तान लोकतांत्रिक देश नहीं है। वहां जिसकी चलती है, उसे आमंत्रित किया गया।
चीन ने भी छोड़ा पाकिस्तान का साथ
पाकिस्तान को भारत पंगा लेना इस कदर भारी पड़ा है कि उसे नुकसान पर नुकसान होता जा रहा है। चीन ने पाकिस्तान को एक के बाद एक ताबड़तोड़ झटका दे दिया। चीन ने पहले पाकिस्तान के साथ जेट-35 डील को नहीं होने दिया और अब हाइपरसोनिक मिसाइल को लेकर भी झटका दे दिया।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं पाकिस्तान पश्चिमी देशों के विशेषज्ञों को चीनी निर्मित उन्नत मिसाइल सिस्टम की जांच करने की अनुमति दे सकता है। बता दें, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने भारत पर जितने भी चीन निर्मित मिसाइलें दागी, वो सब फेल हो गए। ऐसे में चीनी मिसाइलों की टेस्टिंग को लेकर ड्रैगन और भी परेशान है।
हाइपरसोनिक मिसाइलों की डील को नहीं मिली मंजूरी
सूत्रों का हवाला देते हुए, डिफेंस वेबसाइट इंडियन डिफेंस रिसर्च विंग (Idrw) ने कहा कि चीन ने पाकिस्तान को सूचित किया है कि उसने अपनी हाइपरसोनिक मिसाइलों के निर्यात वेरिएंट्स विकसित नहीं किए हैं, न ही मौजूदा मिसाइलों - जैसे कि हाइपरसोनिक वारहेड से लैस DF-17 - को निर्यात के लिए मंजूरी दी गई है, जो कम से कम फिलहाल के लिए तकनीक को प्रतिबंधित करता है।
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चीन ने टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करने से किया इनकार
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग ने हाइपरसोनिक मिसाइलों के लिए पाकिस्तान के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के अनुरोध को भी खारिज कर दिया है। अगर चीन ने इसकी अनुमती दे दी होती तो इससे पाकिस्तान को इन उन्नत मिसाइलों का स्वदेशी रूप से निर्माण करने की अनुमति मिल जाती। इससे पाकिस्तान की रक्षा आयात पर निर्भरता कम हो जाती।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चीन 2026 तक पाकिस्तानी एयर फोर्स को J-35A स्टील्थ फाइटर जेट की आपूर्ति करने के दावे वाले रिपोर्ट का खंडन किया। पिछले सप्ताह सऊदी अरब के न्यूज आउटलेट अरब न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में आसिफ ने दावों को खारिज कर दिया और कहा, “मुझे लगता है कि यह केवल मीडिया में है, आप जानते हैं... यह चीनी रक्षा बिक्री के लिए अच्छा है।”
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 28 June 2025 at 23:58 IST