अपडेटेड May 2nd 2025, 14:01 IST
Bilawal Bhutto Statement: बेशर्मी से पाकिस्तान खुद ही दुनिया के सामने अपने बार-बार कबूल रहा है कि उसका इतिहास आतंक के काले कारनामों से भरा रहा है। पहले रक्षा मंत्री ने इस सच को स्वीकारा था और अब पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भी यही बात दोहराई है। भुट्टो ने कहा है कि यह कोई सीक्रेट नहीं है कि पाकिस्तान का अतीत रहा है। उन्होंने इसे गलती माना और कहा कि इससे पाकिस्तान को नुकसान हुआ है।
बीते दिनों ही पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के भी खुले तौर पर कबूला था कि पाकिस्तान ने दशकों तक आतंक को पनाह दी। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान का आतंकवाद को सपोर्ट करने और टेरर फंडिंग करने का इतिहास रहा है।
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने उनके रक्षा मंत्री के इसी बयान को लेकर स्काई न्यूज के साथ इंटरव्यू में सवाल किया गया। इस पर भुट्टो ने कहा कि जहां तक रक्षा मंत्री के बयान का सवाल है, मुझे नहीं लगता कि यह कोई रहस्य है कि पाकिस्तान का अतीत रहा है। इसका नतीजा ये रहा है कि हमने इसका नुकसान उठाया है। हम चरमपंथ की लहर से गुजरे हैं, लेकिन हमने जो कुछ भी झेला है, उससे हमने अपने सबक भी सीखे हैं।" उन्होंने कहा कि हमने इस समस्या को हल करने के लिए आंतरिक सुधारों किए हैं।
भुट्टो ने आगे यह भी है कि जहां तक पाकिस्तान के इतिहास का सवाल है, यह इतिहास है। यह ऐसा कुछ नहीं है जिसमें हम आज हिस्सा ले रहे हैं। यह सच है कि यह हमारे इतिहास का एक दुर्भाग्यपूर्ण हिस्सा है।"
इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक इंटरव्यू में कहा था, "हम पिछले 3 दशकों से यह गंदा काम अमेरिका के लिए करते रहे हैं। पश्चिमी देशों और ब्रिटेन के लिए भी ऐसा किया हमारी यह गलती थी और हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।" ख्वाजा आसिफ ने यह भी स्वीकार किया था कि लश्कर ए तैयबा के अतीत में पाकिस्तान के साथ कुछ लिंक मिले हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि अब ये आतंकी संगठन खत्म हो चुका है।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी भारत के एक्शन से इतने घबरा गए हैं कि आए दिन सिंधु में खून बहाने की गीदड़भभकी देते रहते हैं। गुरुवार (1 मई) को एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक शांतिपूर्ण देश है और इस्लाम एक शांतिपूर्ण धर्म है। हम युद्ध नहीं चाहते। जो भी सिंधु नदी पर आक्रमण करेगा, वह हमसे लड़ेगा। भारत के लोग सिंधु नदी से भी बहुत प्रेम करते हैं। मोदी को सिंधु नदी का गला घोंटने की इजाजत नहीं दी जाएगी। हम चरम सीमा तक जाने के लिए तैयार हैं। सिंधु नदी से पानी बहेगा या खून बहेगा।
पब्लिश्ड May 2nd 2025, 13:59 IST