अपडेटेड 16 May 2025 at 12:25 IST

गधे पर बैठकर पाकिस्तान चीन से मांग रहा हथियार! 'गधा इकोनॉमी' के जरिए कंगाली दूर करने का क्या है पाक प्लान?

इसमें कोई दोराय नहीं है कि चीन पाकिस्तान को अपना ऐसा बाजार बना चुका है, जहां वो घटिया से भी घटिया हथियार सप्लाई कर सकता है। उदाहरण हाल ही में भारत ने पेश किया था, जब बॉर्डर पर तनाव के बीच भारतीय सेना ने पाकिस्तान में चीनी डिफेंस सिस्टम को चुटकियों में तबाह कर दिया।

Pakistan donkey trade
पाकिस्तान अब गधों का व्यापार कर रहा है. | Image: AP/shutterstock

Pakistan-China: पाकिस्तान गधों पर जिंदा है। अगर इस मुल्क के पास गधे न रहें तो समझ लीजिए लड़ने के लिए हथियार तक उसको मिल नहीं पाएंगे। क्योंकि पाकिस्तान सिर्फ आतंकवाद की फैक्ट्री है, जहां दहशतगर्द पैदा होते हैं और उन्हें सरकार के संरक्षण में पनपने का अवसर मिलता है। यही वजह है कि पाकिस्तान के पास खुद के हथियार होते हैं और उसके दूसरों से हथियार लेने के लिए गधों पर निर्भर रहना पड़ता है। आज के पाकिस्तान की यही असलीयत और हकीकत है, जिसमें दिलचस्प बात ये हो जाती है कि इन गधों को मंगाने वाला चीन है।

इसमें कोई दोराय नहीं है कि चीन पाकिस्तान को अपना ऐसा बाजार बना चुका है, जहां वो घटिया से भी घटिया हथियार सप्लाई कर सकता है। उदाहरण हाल ही में भारत ने पेश किया था, जब बॉर्डर पर तनाव के बीच भारतीय सेना ने पाकिस्तान में चीनी डिफेंस सिस्टम को चुटकियों में तबाह कर दिया। इससे भी बड़ी बात की भारत पाकिस्तान के भीतर तक जाकर अटैक करके लौट आया, लेकिन पाकिस्तान के हाथ लगा चीनी खिलौना यानी डिफेंस सिस्टम कहीं ढूंढे नहीं मिला। बाद में खुद भारत ने ही उसको तबाह किया।

पाकिस्तान के गधों का चीन क्या करता है?

हालिया दौर में चीन के लिए पाकिस्तान गधों के आयात का सबसे बड़ा बाजार है। चीन पाकिस्तान से गधे और गधे का मांस दोनों ही मंगाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में लोग गधे का मांस खाते हैं और इनकी जरूरतों को पाकिस्तान पूरा करता है। पाकिस्तान ग्वादर में एक ऐसा बूचड़खाना चालू करने वाला है, जहां गधों को काटा जाएगा और फिर उसकी खास से लेकर मांस-हड्डियां तक निर्यात करेगा। फरवरी में इस बूचड़खाने को लेकर पाकिस्तान के ही एक मंत्रालय के अधिकारियों ने जानकारी दी थी।

वैसे भी पाकिस्तान के बस में यही है, क्योंकि वो कोई चमत्कारी इनोवेशन नहीं कर सकता है तो उसे घर चलाने के लिए गधों से काम चलाना ही पड़ेगा, जिसमें किसी तरह की दिमागी और तकनीक नहीं लगती है। एक तरीके से पाकिस्तान गधों के जरिए अपनी इकॉनमी को सुधारने की कोशिश में लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान चीन के साथ समझौता 2,16,000 गधों की खाल और मांस की सालाना आपूर्ति कर चुका है। मतलब स्पष्ट है कि गधे के बिजनेस ने पाकिस्तान को कंगाली दूर करने और विदेशी मुद्रा कमाने का एक अच्छा मौका दे दिया।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 16 May 2025 at 12:25 IST