अपडेटेड 24 September 2025 at 11:33 IST
'ओम स्वास्तिअस्तु' से शुरू होकर 'ओम शांति ओम' पर खत्म, UN में इस मुस्लिम देश के राष्ट्रपति ने क्यों किया संस्कृत में मंत्रोच्चारण? देखिए VIDEO
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण की शुरुआत और अंत में संस्कृत भाषा का इस्तेमाल किया और 'ओम शांति ओम' कहा।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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President Prabowo Subianto Om Shanti Om Video: इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण की शुरुआत और अंत में संस्कृत भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने अपने भाषण के दौरान 'ओम शांति ओम' कहा, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
प्रबोवो सुबिआंतो के भाषण की मुख्य बातें
राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो ने कहा कि हिंदू, मुस्लिम, यहूदी, ईसाई, बौद्ध और सभी धर्मों को एक मानव परिवार के रूप में रहना चाहिए। इंडोनेशिया इस नजरिए को वास्तविक रूप देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने संस्कृत में अभिवादन के दौरान कहा, "ओम शांति शांति, शांति ओम"। उन्होंने अन्य धर्मों से जुड़े वाक्यों का भी इस्तेमाल किया।
UN के बचाव में प्रबोवो सुबिआंतो का बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संयुक्त राष्ट्र पर जुबानी हमले के जवाब में प्रबोवो सुबिआंतो ने कहा कि इंडोनेशिया संयुक्त राष्ट्र के साथ खड़ा था और महत्वपूर्ण सहायता दी। उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया आजादी के लिए संघर्ष और बीमारी, भूख और गरीबी को दूर करने की लड़ाई में संयुक्त राष्ट्र के साथ खड़ा है।
‘ओम स्वास्तिअस्तु से’ भी भाषण की शुरुआत
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने विश्व के नेताओं का अभिवादन करते हुए “ओम स्वास्तिअस्तु” कहा, जिसका इस्तेमाल उनके देश के हिंदू-बहुल बाली द्वीप में होता है। इस शब्द का अर्थ है “आप धन्य और सुरक्षित रहें”। प्रबोवो सुबिआंतो ने अपनी स्पीच "ओम शांति शांति, शांति ओम" के साथ-साथ अन्य धर्मों के मंत्रों के साथ खत्म की। उन्होंने कहा कि यहूदी, मुस्लिम, ईसाई, हिंदू, बौद्ध, सभी धर्मों को एक मानव परिवार के रूप में रहना चाहिए. इंडोनेशिया इस नजरिए को वास्तविकता बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
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सुबिआंतो ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा संयुक्त राष्ट्र पर किए गए हमलों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आजादी के लिए उनके संघर्ष और बीमारी, भूख और गरीबी को दूर करने की लड़ाई में संयुक्त राष्ट्र इंडोनेशिया के साथ खड़ा था और उसे महत्वपूर्ण सहायता दी। उन्होंने कहा कि यहां लिए गए फैसलों ने इंडोनेशिया को अंतरराष्ट्रीय वैधता दी। सुबिआंतो ने बिना नाम लिए अमेरिका या ट्रंप की आलोचना की और तमाम देशों और संस्थाओं को जारी की गई धमकियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कोई भी एक देश पूरे मानव परिवार को धमका नहीं सकता।
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Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 24 September 2025 at 11:27 IST