अपडेटेड 20 June 2025 at 10:36 IST
नाइजीरिया की ओलाबिसी ओनाबान्जो यूनिवर्सिटी इन दिनों विवादों में है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने दुनिया भर में बहस छेड़ दी है। वीडियो में देखा जा सकता है कि परीक्षा से पहले महिला कर्मचारी छात्राओं के कपड़ों की जांच कर रही हैं। वो भी इस हद तक कि जांच उनके अंडरगार्मेंट्स तक जा पहुंची। मामले ने तूल तब पकड़ा जब सामने आया कि कुछ छात्राओं को इसलिए परीक्षा हॉल में घुसने नहीं दिया गया क्योंकि उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी।
वीडियो में देखा जा सकता है कि जांच करने वाली महिलाएं छात्राओं को टच कर रही हैं, जिसे लेकर अभद्रता और निजता के उल्लंघन का आरोप लगा है। रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से इस घटना पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। एक छात्र नेता ने यूनिवर्सिटी की ड्रेस कोड नीति का बचाव करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य पढ़ाई के माहौल को ध्यान भटकाने वाला नहीं होना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि इसकी निगरानी के लिए ऐसे अपमानजनक तरीके नहीं अपनाए जाने चाहिए थे।
मानवाधिकार संगठनों का विरोध, कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
ह्यूमन राइट्स नेटवर्क की एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि यह घटना न केवल छात्राओं की निजता का उल्लंघन है, बल्कि कानूनी रूप से भी आपत्तिजनक है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि "किसी की बॉडी को छूना, वह भी बिना सहमति के, गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।" उन्होंने पीड़ित छात्राओं को विश्वविद्यालय के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की सलाह दी है।
यूनिवर्सिटी में पहले भी हुआ है ऐसा
एक छात्र ने सवाल उठाया, “यह कोई धार्मिक संस्थान नहीं है, फिर इतनी कठोर नैतिक संहिताएं क्यों लागू की जा रही हैं?” छात्र ने यह भी बताया कि यहां पहले से ही कपड़ों की निगरानी होती रही है, लेकिन अब यह शारीरिक जांच के स्तर तक पहुंच गई है। यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष मुइज ओलाटुनजी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि संस्थान एक “सम्मानजनक ड्रेस कोड” को बढ़ावा देता है, ताकि कैंपस का माहौल मर्यादित बना रहे। उन्होंने यह भी कहा कि इस नीति को लागू करने का तरीका विवेकपूर्ण और सम्मानजनक होना चाहिए।
क्या है यूनिवर्सिटी की ड्रेस पॉलिसी?
ओलाबिसी ओनाबान्जो यूनिवर्सिटी में ऐसे किसी भी पहनावे पर रोक है जो छात्रों के बीच “यौन उत्तेजना” पैदा कर सकता है। फिर चाहे वह समान या विपरीत लिंग के हों। यह पॉलिसी यूनिवर्सिटी के नैतिक मूल्यों को बनाए रखने के नाम पर लागू की गई है। आपको बता दें कि इस यूनिवर्सिटी की स्थापना 1982 में ओगुन स्टेट यूनिवर्सिटी के रूप में हुई थी, और बाद में 2001 में इसका नाम ओलाबिसी ओनाबान्जो के नाम पर रखा गया, जो उस वक्त राज्य के गवर्नर थे।
पब्लिश्ड 20 June 2025 at 10:12 IST