अपडेटेड 3 June 2025 at 11:20 IST
भारत में बकरीद के त्योहार को लेकर मचे विवाद के बीच मुस्लिम देश मोरक्को ने एक बड़ा फैसला लिया है। मोरक्को की सरकार ने ईद अल-अजहा (बकरीद) पर बकरों की कुर्बानी पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। वहां के शासक राजा मोहम्मद VI ने यह फैसला उस गंभीर जल संकट और लगातार छह वर्षों से जारी सूखे को देखते हुए लिया है, जिसने मोरक्को की कृषि और पशुधन अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है।
सरकार ने आधिकारिक आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया कि इस साल बकरी, भेड़, ऊंट या किसी भी जानवर की कुर्बानी प्रतिबंधित है, और कोई भी व्यक्ति त्योहार के नाम पर कुर्बानी करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि मोरक्को की लगभग 99% आबादी इस्लाम धर्म को मानती है, और उनके लिए बकरीद न केवल एक धार्मिक अवसर है, बल्कि यह समुदायिक एकता, बलिदान और परंपरा का प्रतीक भी है। ऐसे में यह प्रतिबंध लाखों लोगों की धार्मिक भावनाओं को झकझोरने वाला साबित हुआ है।
कुर्बानी के बजाय इबादत की अपील
राजा मोहम्मद VI ने अपने संबोधन में लोगों से अपील की कि वे इस बार त्योहार को पारंपरिक कुर्बानी के बजाय इबादत, उपवास और दान के माध्यम से मनाएं। उन्होंने कहा कि देश में पशुओं की संख्या घटती जा रही है, और आगे की पीढ़ियों के लिए संतुलन बनाए रखना अनिवार्य हो गया है। इस राजकीय फरमान जारी होने के बाद पुलिस और प्रशासन ने कई शहरों में कुर्बानी रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया। इस दौरान कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिनमें सुरक्षाबल लोगों के घरों में घुसकर भेड़ों और बकरों को जब्त करते नजर आए। ये दृश्य देखकर आम नागरिकों में रोष फैल गया और कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
पुलिस कर रही बकरों पर छापेमारी
बिना अनुमति जानवर खरीदने और छिपाकर रखने वाले लोगों के खिलाफ प्रशासन ने छापेमारी की। कई परिवारों की वर्षों पुरानी धार्मिक तैयारी एक झटके में छीन ली गई। हालांकि सरकार ने राहत देने के लिए धार्मिक संगठनों और मस्जिदों को विशेष सहायता देने का प्रस्ताव रखा है ताकि त्योहार का आध्यात्मिक पहलू बना रहे।
पब्लिश्ड 3 June 2025 at 11:20 IST