अपडेटेड 21 August 2025 at 21:33 IST
टैरिफ वॉर के बीच राष्ट्रपति पुतिन से मिले जयशंकर... रूस से तेल न खरीदने की हिदायत पर ट्रंप को भारत का कड़ा संदेश
S. Jaishankar and Putin meeting: रूस के विदेश मंत्री लावरोव के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से भारत और रूस के बीच दुनिया के सबसे मजबूत रिश्ते रहे हैं।"
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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S. Jaishankar and Putin meeting: विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस के दौरे पर हैं। इस दौरान देश सहित दुनिया के कई देशों की निगाहें भारत और रूस पर हैं। यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल लेने पर भारत पर जुर्माने के रूप में अतिरिक्त 25 फीसदी का टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इस प्रकार से अमेरिका ने भारत पर कुल 50 फीसदी का टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी, इसमें से 25 फीसदी पहले से ही घोषित था।
वहीं, इस बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बड़ी मुलाकात की है। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर इस मुलाकात और बैठक की तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा, "आज क्रेमलिन में राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करके सम्मानित महसूस किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री @नरेंद्र मोदी का हार्दिक अभिवादन पहुंचाया। मैंने उन्हें प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ हुई अपनी चर्चाओं से अवगत कराया।"
विदेश मंत्री ने आगे लिखा, "वार्षिक नेता शिखर सम्मेलन की तैयारियां जोरों पर हैं। वैश्विक स्थिति और यूक्रेन के हालिया घटनाक्रमों पर उनके साझा दृष्टिकोण के लिए मैं आभारी हूं।"
यहां बता दें कि पिछले चार वर्षों से रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग और संघर्ष को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। इसी सिलसिले में बीते दिनों रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका के अलास्का में अमेरिकी प्रेसिडेंट ट्रंप से भी मुलाकात की थी। पुतिन के बाद यूक्रेन के प्रेसिडेंट जेलेंस्की ने भी ट्रंप से वाशिंगटन के ओवल ऑफिस में मुलाकात की थी। तब ट्रंप ने कहा था कि अगर सबकुछ सही रहा तो जल्द ही हम तीनों एक ही टेबल पर मिलेंगे।
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हम रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार नहीं हैं, वह चीन है - एस. जयशंकर
बता दें कि रूस के प्रेसिडेंट पुतिन से मुलाकात से पहले एस जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ मुलाकात और बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता की थी। रूस की राजधानी मॉस्को में आज विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, "हम रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार नहीं हैं, वह चीन है। हम एलएनजी के सबसे बड़े खरीदार नहीं हैं, वह यूरोपीय संघ है। हम वह देश नहीं हैं जिसका 2022 के बाद रूस के साथ सबसे बड़ा व्यापार उछाल होगा; मुझे लगता है कि दक्षिण में कुछ देश हैं।"
उन्होंने आगे कहा, “हम एक ऐसा देश हैं जिसके बारे में अमेरिकी पिछले कुछ वर्षों से कहते आ रहे हैं कि हमें विश्व ऊर्जा बाजार को स्थिर करने के लिए सब कुछ करना चाहिए, जिसमें रूस से तेल खरीदना भी शामिल है। संयोग से, हम अमेरिका से भी तेल खरीदते हैं, और यह मात्रा बढ़ी है। इसलिए ईमानदारी से, हम उस तर्क के तर्क से बहुत हैरान हैं जिसका आपने (मीडिया ने) उल्लेख किया था।”
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द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से भारत और रूस के बीच दुनिया के सबसे मजबूत रिश्ते - एस. जयशंकर
वहीं, रूस के विदेश मंत्री लावरोव के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से भारत और रूस के बीच दुनिया के सबसे मजबूत रिश्ते रहे हैं।"
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "हमने संतुलित और सतत तरीके से द्विपक्षीय व्यापार का विस्तार करने की अपनी साझा महत्वाकांक्षा की पुष्टि की, जिसमें रूस को भारत का निर्यात बढ़ाना भी शामिल है। इसके लिए गैर-टैरिफ बाधाओं और नियामक बाधाओं को तेजी से दूर करने की आवश्यकता है। कृषि, फार्मा और कपड़ा जैसे क्षेत्रों में रूस को भारत का निर्यात बढ़ाने से निश्चित रूप से असंतुलन को ठीक करने में मदद मिलेगी।"
Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 21 August 2025 at 21:21 IST