अपडेटेड 21 August 2025 at 18:23 IST

Trump Tariffs: भारत नहीं चीन है रूस से तेल का सबसे बड़ा खरीदार', मॉस्को की धरती से ट्रंप टैरिफ पर अमेरिका को जयशंकर की दो टूक

S. Jaishankar in Russia: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "हम रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार नहीं हैं, वह चीन है। हम एलएनजी के सबसे बड़े खरीदार नहीं हैं, वह यूरोपीय संघ है। हम वह देश नहीं हैं जिसका 2022 के बाद रूस के साथ सबसे बड़ा व्यापार उछाल होगा; मुझे लगता है कि दक्षिण में कुछ देश हैं।"

S. Jaishankar in Russia
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रूसी प्रेसिडेंट पुतिन | Image: The White House/S. Jaishankar/X

India Russia News, S. Jaishankar in Russia: विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस के दौरे पर हैं। इस दौरान देश सहित दुनिया के कई देशों की निगाहें भारत और रूस पर हैं। यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल लेने पर भारत पर जुर्माने के रूप में अतिरिक्त 25 फीसदी का टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इस प्रकार से अमेरिका ने भारत पर कुल 50 फीसदी का टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी, इसमें से 25 फीसदी पहले से ही घोषित था।

वहीं, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस की राजधानी मॉस्को से अमेरिका को करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि भारत नहीं बल्कि चीन वह देश है, जो रूस से सबसे अधिक तेल की खरीदारी करता है। उन्होंने कहा कि हम तो अमेरिका से भी तेल की खरीदारी करते हैं। यहां बता दें कि अमेरिका फिलहाल चीन को लेकर नरमी में दिखा है और उसपर अतिरिक्त टैरिफ के प्रभाव को आगामी 90 दिनों के लिए टाल दिया है।


हम रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार नहीं हैं, वह चीन है - एस. जयशंकर

रूस की राजधानी मॉस्को में आज विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ प्रेस को संबोधित किया। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, इस दौरान, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "हम रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार नहीं हैं, वह चीन है। हम एलएनजी के सबसे बड़े खरीदार नहीं हैं, वह यूरोपीय संघ है। हम वह देश नहीं हैं जिसका 2022 के बाद रूस के साथ सबसे बड़ा व्यापार उछाल होगा; मुझे लगता है कि दक्षिण में कुछ देश हैं।"

उन्होंने आगे कहा, “हम एक ऐसा देश हैं जिसके बारे में अमेरिकी पिछले कुछ वर्षों से कहते आ रहे हैं कि हमें विश्व ऊर्जा बाजार को स्थिर करने के लिए सब कुछ करना चाहिए, जिसमें रूस से तेल खरीदना भी शामिल है। संयोग से, हम अमेरिका से भी तेल खरीदते हैं, और यह मात्रा बढ़ी है। इसलिए ईमानदारी से, हम उस तर्क के तर्क से बहुत हैरान हैं जिसका आपने (मीडिया ने) उल्लेख किया था।”

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रूस और भारत के विदेश मंत्रियों के बीच इन मुद्दों पर हुई विस्तृत चर्चा

विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस के दौरे पर हैं। इस दौरान उनकी मुलाकात रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ हुई और कई मुद्दों पर चर्चा हुई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट करके लिखा, "आज मॉस्को में विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिलकर प्रसन्नता हुई। व्यापार, निवेश, ऊर्जा, उर्वरक, स्वास्थ्य, कौशल एवं गतिशीलता, रक्षा, और लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत चर्चा हुई। हमने यूक्रेन, यूरोप, ईरान, पश्चिम एशिया, अफ़गानिस्तान और भारतीय उपमहाद्वीप पर विचारों का आदान-प्रदान किया। संयुक्त राष्ट्र, जी-20, शंघाई सहयोग संगठन और ब्रिक्स में हमारे सहयोग पर भी बात की।"
उन्होंने आगे लिखा, " हमारी बैठक ने इस वर्ष के अंत में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन के परिणामों और निर्णयों को तैयार करने में मदद की।"

वहीं, रूस के विदेश मंत्री लावरोव के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से भारत और रूस के बीच दुनिया के सबसे मजबूत रिश्ते रहे हैं।"  विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "हमने संतुलित और सतत तरीके से द्विपक्षीय व्यापार का विस्तार करने की अपनी साझा महत्वाकांक्षा की पुष्टि की, जिसमें रूस को भारत का निर्यात बढ़ाना भी शामिल है। इसके लिए गैर-टैरिफ बाधाओं और नियामक बाधाओं को तेजी से दूर करने की आवश्यकता है। कृषि, फार्मा और कपड़ा जैसे क्षेत्रों में रूस को भारत का निर्यात बढ़ाने से निश्चित रूप से असंतुलन को ठीक करने में मदद मिलेगी।"

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Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 21 August 2025 at 18:22 IST