अपडेटेड May 9th 2025, 22:49 IST
इंटरनेशनल मॉनिटरिंग फंड की ओर से पाकिस्तान को प्रस्तावित 1.3 बिलियन डॉलर के बैलआउट पैकेज पर भारत ने वोटिंग से किनारा कर लिया है। भारत ने कहा कि इस्लामाबाद के वित्तीय सहायता के इस्तेमाल में रिकॉर्ड खराब है।
भारत का ये निर्णय ऐसे समय में आया जब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। आपको बता दें हाल ही में भारत में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाकर बड़ी सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया था। भारत का ये एक्शन पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों के मारे जाने के जवाबी कार्रवाई के रूप में लिया।
IMF की शर्तों को पूरा न करने को लेकर भारत ने जताई चिंता
आईएमएफ बोर्ड की बैठक में भारत ने पाकिस्तान की ओर से बार-बार आईएमएफ की सहायता शर्तों को पूरा न करने को लेकर चिंता भी जाहिर की। भारत ने आईएमएफ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान को बार-बार राहत दिए जाने से वह आईएमएफ के लिए 'टू बिग टू फेल' कर्जदार बन गया है। साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान को आईएमएफ सहायता देने में राजनीतिक कारक भी भूमिका निभाते हैं।
आतंक का वित्त पोषक है पाकिस्तान
भारत ने पाकिस्तान की आतंकपरस्त नीति को एक्सपोज करते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंक को बढ़ावा देने में हर संभव मदद करता है। भारत में यह भी दोहराया कि पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता अप्रत्यक्ष रूप से उसकी खुफिया एजेंसी और आतंकी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT) हुआ जैश-ए-मोहम्मद की मदद करती है जो भारत के खिलाफ आतंकी हमले की साजिश रचते हैं और कारयाना आतंकी हमलों को अंजाम देते रहे हैं।
पब्लिश्ड May 9th 2025, 22:49 IST