अपडेटेड 5 May 2025 at 12:24 IST
बलूचिस्तान में विद्रोह उठा! 'अगली 10 नस्लें भी इसको...', PAK जनरल आसिम मुनीर को बलोच नेता ने ललकारा
बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के नेता अख्तर मेंगल ने जनरल आसिम मुनीर को बेहद तीखे अंदाज में जवाब दिया और कहा कि बलोच जनता पाकिस्तान की सेना के जुल्म नहीं भूलेगी।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
- 2 min read

Balochistan: पाकिस्तान किसी भी दिन टूट सकता है और बलूचिस्तान का नया जन्म हो सकता है। इधर, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है तो बलूचिस्तान में भी विद्रोह की धीरे-धीरे चिंगारी उठ रही है। कभी भी दिन पाकिस्तान के खिलाफ बलूचिस्तानी जंग का ऐलान कर सकते हैं। ऐसा होने पर पाकिस्तान का टूटना तय है। बलोच के लोग अब पाकिस्तानी सेना की क्रूरता को बर्दाश्त करने की बजाय सीधे जवाब देने के लिए खड़े हैं। ठीक उसी तरह, जैसे पाकिस्तानी सेना के जनरल आसिम मुनीर को बलोच नेता अख्तर मेंगल ने ललकारा है।
बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के नेता और पूर्व सांसद अख्तर मेंगल ने जनरल आसिम मुनीर को बेहद तीखे अंदाज में दिया। बलोच नेता ने 1971 की हार की याद दिलाते हुए चेतावनी दी है कि बलोच जनता पाकिस्तान की सेना के जुल्म नहीं भूलेगी। मुनीर के एक बयान को लेकर बलूच नेता ने ये जवाब दिया है, जिसमें पाकिस्तानी आर्मी जनरल ने कहा था कि अगली 10 नस्लें भी इसे (बलूचिस्तान को पाकिस्तान से) अलग नहीं कर पाएंगी।
बलोच नेता ने पाकिस्तान को याद दिलाई 1971 की हार
बलोच नेता अख्तर मेंगल ने आगे कहा- 'पाकिस्तानी सेना को 1971 की शर्मनाक हार और 90000 सैनिकों के समर्पण को कभी नहीं भूलना चाहिए। 90 हजार फौजियों के न सिर्फ हथियार बल्कि उनकी पतलूनें भी आज वहां टांगी हुई हैं। बंगालियों ने जो आपके साथ किया, वो आपको कितनी नस्ल तक याद रहेगा?' बलोच नेता ने आगे कहा कि उसे भी याद करो हम तो 75 साल से आपकी हर जुल्म और ज्यादती को याद करते आ रहे हैं।
पाकिस्तान से अलग होने के लिए लड़ रहा है बलूचिस्तान
बलूचिस्तान कई दशकों से पाकिस्तान से अलग होने के लिए लड़ाई लड़ रहा है। बलूचिस्तान इस समय पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य है, जो तेल, सोना, तांबा और अन्य तरह की धातुओं की खदानों से भरा हुआ है। पाकिस्तान इन सब संसाधनों का इस्तेमाल अपनी जरूरतों के लिए करता है, लेकिन सेना का जुल्म बलूचिस्तानियों पर बढ़ता गया है। अभी बलूचिस्तान के युवा काफी पहले हथियार उठा चुके हैं। पाकिस्तान की सेना हमेशा बलोच लोगों पर अत्याचार करती रही है, जो किसी से छिपा नहीं। ऐसे में पाकिस्तानी सेना को इसके कर्मों का हिसाब देने के लिए बलूचिस्तान के युवा खड़े हुए। वैसे ये जंग अंग्रेजों के हाथों से भारत की आजादी के बाद हुए बंटवारे के समय से ही चली आ रही है।
Advertisement
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 5 May 2025 at 12:24 IST