अपडेटेड 5 May 2025 at 09:54 IST
कैसे अपनी सेना की क्रूरता से तंज है PAK आवाम, लोग देश ही नहीं सिटिजिनशिप भी छोड़ने को तैयार; अदनाम शामी ने किया खुलासा
पाकिस्तान की आवाम अपनी सेना से नाखुश है। लोग इस तरह परेशान हैं कि पाकिस्तान की नागरिकता को छोड़ने तक को तैयार हैं।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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पाकिस्तान में सेना की चलती है ये सब दुनिया जानती है, लेकिन उसकी क्रूरता और हैवानियत के बारे में वही बता सकते हैं, जिन्होंने खुद झेला है। भारत और पाकिस्तान के बीच भारी तनाव है और इस बीच ऐसे लोग भी निकल आ रहे हैं जो पाकिस्तान से सिर्फ बाहर नहीं जाना चाहते हैं, बल्कि को पाकिस्तान की नागरिकता तक छोड़ने को तैयार हैं। ठीक वैसे ही जैसे पाकिस्तान में जन्मे सिंगर अदनान सामी आज भारत के नागरिक हैं। अभी पाकिस्तान से तनाव के बीच सिंगर अदनान सामी ने ऐसे ही लोगों को लेकर खुलासा किया है।
इससे समझा जा सकता है कि पाकिस्तान के भीतर उनकी आर्मी लोगों को क्रूरता दिखा रही है। इस पोस्ट के बाद इतना भी स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान को लोगों को अपनी ही सेना पर भरोसा नहीं है। खैर, पाकिस्तानी सेना की इस तरह की कारगुजारियां पहले भी सामने आती रही हैं। इसको भी सब जानते हैं कि पाकिस्तान में सरकार के मुकाबले आर्मी का रोल अहम होता है। मतलब कि पाकिस्तान आर्मी के हाथ ही पूरा मुल्क आज बर्बादी की कगार पर है और इसका दर्द लोगों की जुबान पर है।
अदनान सामी ने खोली पोल
सिंगर अदनान सामी 'X' पर एक पोस्ट में लिखते हैं- ‘बाकू, अजरबैजान की खूबसूरत सड़कों पर घूमते हुए कुछ बहुत प्यारे पाकिस्तानी लड़के मिले। उन्होंने कहा सर, आप बहुत भाग्यशाली हैं। आपने सही समय पर पाकिस्तान छोड़ दिया। हम भी अपनी नागरिकता बदलना चाहते हैं। हम अपनी सेना से नफरत करते हैं। उन्होंने हमारे देश को बर्बाद कर दिया है। मैंने जवाब दिया कि मुझे ये बहुत पहले से पता था।’
पाकिस्तान की सेना को अभी कौन चला रहा है?
पाकिस्तान और इस मुल्क की सेना में जनरल आसिम मुनीर फिलहाल सबसे ताकतवर व्यक्ति है। आसिम मुनीर 2022 में पाकिस्तान की सेना के प्रमुख बने। करीब 60 साल की उम्र के आसिम मुनीर 1986 में पाकिस्तानी सेना का हिस्सा बने थे। मुनीर ने अपनी लगभग 40 दशक की सैन्य सेवा की और उसके बाद पाकिस्तान की संवेदनशील उत्तरी सीमाओं पर सेना की कमान संभाली। मुनीर ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों का भी नेतृत्व किया।
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पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर जनरल मुहम्मद जिया-उल-हक की याद दिलाते हैं, जिन्होंने 1977 में सैन्य तख्तापलट में सत्ता हथिया ली थी, तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को हटाकर मार्शल लॉ लागू कर दिया था। जनरल जिया ने इस्लामीकरण का कार्यक्रम लागू किया, पाकिस्तानी समाज में धार्मिक कानून और नीतियां लागू कीं और साथ ही पाकिस्तानी सेना का इस्लामीकरण किया। कुछ इसी तरह मुनीन गहरी इस्लामी जड़ों वाले परिवार में पले-बढ़े, उन्होंने सऊदी अरब में अपनी पोस्टिंग के दौरान कुरान को याद किया। इस धार्मिक आधार ने उनकी इस्लामवादी विचारधारा के साथ मिलकर उन्हें "मुल्ला जनरल" उपनाम दिया।
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 5 May 2025 at 09:54 IST