अपडेटेड 16 May 2025 at 13:04 IST
Apple भारत में मैन्युफैक्चरिंग करता है तो डोनाल्ड ट्रंप को परेशानी क्यों, India के मुकाबले अमेरिका में प्रोडक्शन आसान या कठिन?
डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान को लेकर वैसे तो एप्पल ने आधिकारिक तौर पर कुछ स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन अंदरखाने यही चर्चाएं हैं कि अमेरिकन कंपनी भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग जारी रखेगी।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Apple: डोनाल्ड ट्रंप की नीति भले अमेरिका फर्स्ट की रही है, लेकिन इन दिनों भारत को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति का रुख अलग है। ट्रंप टैरिफ जैसे प्रहारों के बाद अमेरिका राष्ट्रपति इस बात से खबराए हैं कि एप्पल कंपनी अपने कारोबार को भारत में विस्तार दे रही है। एप्पल का प्लान आईफोन मेड इन इंडिया है और इस पर तेजी से काम चालू है। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप इस पक्ष में नहीं खड़े हैं, बल्कि ठीक इसके इतर एप्पल को सलाह दे रहे हैं कि वो भारत में विस्तार ना करे।
डोनाल्ड ट्रंप ने कतर में जाकर हालिया बयान दिया, जिसमें उन्होंने एपल को कहा कि वो भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग न करे। तो क्या समझा जाए कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप सबसे पहले अपने देश को तवज्जो दे रहे हैं या वो तेजी से आगे बढ़ते भारत को लेकर भौचक्के हैं। खैर, यहां समझने की कोशिश करते हैं कि एप्पल की अभी भी क्या प्लानिंग है और अमेरिका में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग कितनी मुश्किल है।
एप्पल के लिए भारत के बाजार को समझिए
मार्च 2024 में खत्म हुए वित्त वर्ष में एप्पल ने लगभग 22 अरब डॉलर की आईफोन मैन्युफैक्चरिंग की। ये पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लगभग 60 फीसदी अधिक बताई जाती है। मार्केट इंटेलिजेंस फर्म (IDC) के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि 2025 के पहले 3 महीनों में भारत में बने 30 लाख से अधिक आईफोन का निर्यात हुआ है।
ट्रंप के बयान के बाद एप्पल का रुख क्या है?
डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान को लेकर वैसे तो एप्पल ने आधिकारिक तौर पर कुछ स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन अंदरखाने यही चर्चाएं हैं कि अमेरिकन कंपनी भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग जारी रखेगी। पीटीआई ने Apple के सूत्रों हवाले से जानकारी दी कि डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी के बावजूद ऐपल की भारत में इन्वेस्टमेंट प्लानिंग पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। कंपनी जिस बड़े मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की दिशा में बढ़ चुकी है, उसी दिशा में चलती रहेगी। इसके पीछे भी एक वजह बताई जाती है।
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कुछ रिपोर्ट्स में दावा है कि एप्पल इसलिए भारत में अपना कारोबार बढ़ा रहा है, क्योंकि भारत की मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम ग्लोबल स्मार्टफोन कंपनियों के लिए बेस्ट मानी जाती है और भारत से मिलने वाले कॉम्पिटिशन बेनिफिट भी कंपनी के लिए अच्छे होते हैं।
अमेरिका में कितनी कठिन है मैन्युफैक्चरिंग?
शुरुआत से ही स्पष्ट है कि डोनाल्ड ट्रंप की प्राथमिकता मेड इन अमेरिका है। ऐसे में एप्पल का भारत की तरफ रुख करना उसके लिए ठीक नहीं है। हालांकि मैन्युफैक्चरिंग के लिहाज से कंपनियों के लिए अमेरिका में कठिनाइयां हैं। कुछ रिपोर्ट दावा करती हैं कि अमेरिका में प्रोडक्शन की लागत और मजदूरी ज्यादा है, जिससे एप्पल हो या दूसरी कंपनी के लिए बाहर के बाजार आसान नजर आते हैं। एप्पल के आधार पर ही आंका जाए तो भारत में प्रोडक्शन लागत अमेरिका के मुकाबले काफी कम है।
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 16 May 2025 at 13:04 IST