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Published 10:08 IST, September 22nd 2024

BIG BREAKING: श्रीलंका में बड़ा उलटफेर, अनुरा कुमारा दिसानायके होंगे नए राष्‍ट्रपति

श्रीलंका के आम चुनावों में वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके (anura kumar dissanayake) ने धमाकेदार जीत दर्ज की है।

anura kumar dissanayake
anura kumar dissanayake | Image: PTI

Sri Lanka New President: श्रीलंका के आम चुनावों में वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके (anura kumar dissanayake) ने धमाकेदार जीत दर्ज की है। दिसानायके ने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को हरा दिया है। आपको बता दें कि श्रीलंका में देश के 10वें राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए 21 सितंबर को मतदान हुआ था और वोटों की गिनती कल शाम 5 बजे के बाद शुरू हुई। 1 करोड़ 70 लाख मतदाताओं में से करीब 75 फीसदी ने राष्ट्रपति चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

रविवार सुबह सात बजे तक घोषित किए गए परिणामों में 56 वर्षीय दिसानायके ने 52 प्रतिशत वोट हासिल किए जबकि उनके करीबी प्रतिद्वंद्वी एवं मुख्य विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा (57) ने 23 प्रतिशत वोट हासिल किए। निवर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (75) महज 16 फीसदी वोटों हासिल कर सके हैं। विक्रमसिंघे ने अभी हार स्वीकार नहीं की है लेकिन निवर्तमान विदेश मंत्री अली साबरी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर दिसानायके को जीत की बधाई दी।

विदेश मंत्री अली साबरी ने दी बधाई

साबरी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘लंबे और कठिन अभियान के बाद चुनाव के नतीजे अब स्पष्ट हैं। मैंने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के लिए काफी प्रचार किया लेकिन श्रीलंका के लोगों ने अपना फैसला दे दिया है और मैं अनुरा कुमारा दिसानायके के लिए उनके जनादेश का पूरी तरह सम्मान करता हूं। लोकतंत्र में लोगों की इच्छा का सम्मान करना अहम है और मैं बेहिचक इसका सम्मान करता हूं।’’

प्रेमदासा खेमे के वरिष्ठ नेता हर्षा डी सिल्वा ने भी दिसानायके को बधाई दी।एनपीपी सूत्रों ने बताया कि वे सत्ता हस्तांतरण की औपचारिकताओं पर चर्चा के लिए रविवार को राष्ट्रपति सचिवालय जाएंगे। विश्लेषकों का कहना है कि दिसानायके की जीत अप्रत्याशित है। हालांकि, चुनाव से पहले ही उनकी जीत का अनुमान जताया गया था।

दिसानायके की एनपीपी को पिछले चुनाव में महज तीन प्रतिशत वोट मिले थे। श्रीलंका का संकट दिसानायके के लिए एक अवसर साबित हुआ, जिन्हें इस द्वीपीय देश की ‘‘भ्रष्ट’’ राजनीतिक संस्कृति बदलने के उनके संकल्प के लिए भरपूर समर्थन मिला।इस बार अल्पसंख्यक तमिल मुद्दा एजेंडे में नहीं था। इसके बजाय, देश की चरमरायी अर्थव्यवस्था और उसे पटरी पर लाने का मुद्दा केंद्र में था।

साबरी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘लंबे और कठिन अभियान के बाद चुनाव के नतीजे अब स्पष्ट हैं। मैंने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के लिए काफी प्रचार किया लेकिन श्रीलंका के लोगों ने अपना फैसला दे दिया है और मैं अनुरा कुमारा दिसानायके के लिए उनके जनादेश का पूरी तरह सम्मान करता हूं। लोकतंत्र में लोगों की इच्छा का सम्मान करना अहम है और मैं बेहिचक इसका सम्मान करता हूं।’’

प्रेमदासा खेमे के वरिष्ठ नेता हर्षा डी सिल्वा ने भी दिसानायके को बधाई दी। एनपीपी सूत्रों ने बताया कि वे सत्ता हस्तांतरण की औपचारिकताओं पर चर्चा के लिए रविवार को राष्ट्रपति सचिवालय जाएंगे। विश्लेषकों का कहना है कि दिसानायके की जीत अप्रत्याशित है। हालांकि, चुनाव से पहले ही उनकी जीत का अनुमान जताया गया था। दिसानायके की एनपीपी को पिछले चुनाव में महज तीन प्रतिशत वोट मिले थे।

श्रीलंका का संकट दिसानायके के लिए एक अवसर साबित हुआ, जिन्हें इस द्वीपीय देश की ‘‘भ्रष्ट’’ राजनीतिक संस्कृति बदलने के उनके संकल्प के लिए भरपूर समर्थन मिला। इस बार अल्पसंख्यक तमिल मुद्दा एजेंडे में नहीं था। इसके बजाय, देश की चरमरायी अर्थव्यवस्था और उसे पटरी पर लाने का मुद्दा केंद्र में था।

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Updated 10:48 IST, September 22nd 2024