अपडेटेड 8 June 2025 at 13:49 IST
ये मेरी मां हैं, दुनिया घूम रही हैं...दिल छू लेगी समुद्र में बह रहे बोतल में बंद बेटी की ये चिट्ठी, फोटो हो रही वायरल
यूके में 24 साल की कैरा मेलिया ने अपनी मां वेंडी चैडविक की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उन्हें अनोखे अंदाज में विदा किया।
- वायरल न्यूज़
- 3 min read

Mother ashes in bottle: यूके में 24 साल की कैरा मेलिया ने अपनी मां वेंडी चैडविक की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उन्हें अनोखे अंदाज में विदा किया। उन्होंने अपनी मां की अस्थियों को एक कांच की बोतल में बंद किया और उसके साथ एक भावनात्मक चिट्ठी लिखकर समुद्र में बहा दिया। कुछ ही घंटों में वही बोतल समुद्र की लहरों के साथ बहती हुई एक महिला को किनारे मिली। जब उस महिला ने चिट्ठी पढ़ी, तो उसकी आंखें नम हो गईं। उस चिट्ठी में लिखा था- 'ये मेरी मां हैं, इन्हें वहीं फेंक दो, ये दुनिया घूम रही हैं।'
सोशल मीडिया पर वायरल प्यार का संदेश
इस खास संदेश को पढ़कर महिला ने उसकी फोटो खींची और सोशल मीडिया पर शेयर की, इसके बाद उसने बोतल को फिर से समुद्र में बहा दिया। इस दिल छू लेने वाली पोस्ट ने लाखों लोगों को भावुक कर दिया। फेसबुक पर एक यूजर ने लिखा- 'इस खुशी भरी विदाई ने मेरी आंखों में आंसू ला दिए।' इस कहानी को लेकर कैरा ने बताया कि उनकी मां का सपना था दुनिया घूमना, जो पूरा नहीं हो सका।
51 साल की उम्र में अनजानी बीमारी से मौत
वेंडी चैडविक का निधन हार्ट अटैक के कारण हुआ था। बेटी कैरा ने यह अनोखा तरीका चुना जिससे उनकी मां समुद्र के रास्ते दुनिया देख सकें। उन्हें समुद्र, सूरज और खुली हवा से बेहद लगाव था। दरअसल, जिस महिला को समुद्र किनारे कैरा मेलिया की मां की अस्थियों से भरी बोतल मिली, उसने उस पल को सिर्फ अपने दिल में नहीं रखा, बल्कि तस्वीर लेकर उस अनुभव को सोशल मीडिया पर शेयर किया और फिर उस बोतल को दोबारा समुद्र की लहरों के हवाले कर दिया।
कैरा मेलिया बताती हैं कि उनकी मां का जीवन भर सपना था, दुनिया घूमने का। लेकिन हालात कुछ ऐसे रहे कि वो सपना कभी पूरा न हो सका। उनकी मां को समुद्र तट से और धूप से बेहद लगाव था। कैरा कहती हैं, 'मैंने कभी नहीं सोचा था कि मां की अस्थियां उसी जगह लौट आएंगी, जहां से उन्हें विदा किया था।' पर शायद... लहरों ने मां की रूह को वहीं पहुंचाया, जहां उनका दिल सदा ठहरा रहा।
Advertisement
बोतल में बंद एक दुनिया
कैरा मेलिया ने कहा- 'मुझे यकीन नहीं था कि बोतल इतनी जल्दी लौट आएगी। लेकिन शायद मां का कोई अधूरा रिश्ता इसी तट से रहा होगा।' इस कहानी ने साबित किया कि प्रेम, श्रद्धा और विदाई का कोई निश्चित रूप नहीं होता। कभी-कभी एक बोतल, एक चिट्ठी और लहरों की भाषा ही काफी होती है।
Advertisement
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 8 June 2025 at 13:49 IST