अपडेटेड 11 August 2025 at 22:26 IST
VIRAL VIDEO: पोर्ट ब्लेयर में दिखा दुनिया का खतरनाक मगरमच्छ, लंबाई देख फटी की फटी रह जाएंगी आंखें
पोर्ट ब्लेयर में 20 फीट लंबे विशालकाय मगरमच्छ के दिखने की खबर ने स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर मचाई हलचल।
- वायरल न्यूज़
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Crocodile in Andaman and Nicobar Islands: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में एक विशालकाय मगरमच्छ दिखा है, ये मगरमच्छ इतना बड़ा है कि इसे इसे देख कोई भी घबरा जाए, हालांकि वीडियो जिसने बनाया है, उसकी हिम्मत की भी दाद दी जा रही है। सोशल मीडिया के साथ साथ स्थानीय लोगों में भी हलचल मच गई है।
इस मगरमच्छ की लंबाई 20 फीट से ज्यादा होने का दावा किया जा रहा है, मिली जानकारी के मुताबिक इस मगरमच्छ को 'पोर्ट ब्लेयर जायंट' के नाम से भी जाना जा रहा है। हालांकि, इन दावों की सत्यता की पुष्टि के लिए कोई ऑफिशियल वन विभाग या वैज्ञानिक रिपोर्ट सामने नहीं आई है।
20 फीट से लंबा है ये मगरमच्छ
मगरमच्छ की इतनी विशाल आकार की खबरें यकीनन हैरान कर देने वाली है, क्योंकि खारे पानी के मगरमच्छ आमतौर पर 14-17 फीट तक लंबे होते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में ये 20 फीट या उससे ज्यादा भी हो सकते हैं। पोर्ट ब्लेयर, जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी है, यह अपने प्राकृतिक समुद्री जीवन और जैव-विविधता के लिए जाना जाता है। यहां मगरमच्छों का दिखना असामान्य नहीं है, क्योंकि यह क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में स्थित है, जहां मूंगा चट्टानें और समुद्री जीव प्रचुर मात्रा में हैं।
वन विभाग की कार्रवाई
यदि यह खबर सही है, तो यह स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि इतने बड़े मगरमच्छ खतरनाक हो सकते हैं। वन विभाग को ऐसी स्थिति में कार्रवाई करनी पड़ सकती है, जैसा कि उत्तर प्रदेश के हमीरपुर या शाहजहांपुर जैसे बाकी मामलों में देखा गया है, जहां मगरमच्छों को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ा गया। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मगरमच्छों की संख्या में वृद्धि देखी गई है, जो 1970 के दशक में 31 से बढ़कर अब लगभग 500 हो गई है। यह वृद्धि इस क्षेत्र में मगरमच्छों के संरक्षण और प्रबंधन के प्रयासों को और मजबूत करने की आवश्यकता को दर्शाती है।
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पोर्ट ब्लेयर में विशालकाय मगरमच्छ के दिखने की मुखबिरों ने सोशल मीडिया पर काफी सुर्खियां बटोरी हैं। हालांकि, इसकी पुष्टि के लिए अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की भूमिका इस मामले में महत्वपूर्ण होगी, ताकि लोगों की सुरक्षा और मगरमच्छों के संरक्षण दोनों को सुनिश्चित किया जा सके।
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Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 11 August 2025 at 22:26 IST