अपडेटेड 10 June 2025 at 15:58 IST
घर में खिड़कियां रखनी पड़ती हैं बंद, स्कूली बच्चों को बनाता है निशाना, एक बाज जिससे दहशत में है पूरा गांव; ब्लैक आउट की नौबत
ब्रिटेन के एक गांव में बाज के हमले से दहशत का माहौल बना हुआ है, बच्चों तक को घर में रहने की चेतावनी दी गई है, बाज का वायरल।
- वायरल न्यूज़
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Dive bombing bird: ब्रिटेन के हैवरिंग एट बोवर गांव में एक अनोखे पर बेहद खतरनाक पक्षी बाज ने स्थानीय लोगों की नींद उड़ा रखी है। ‘डाइव बॉम्बिंग बुजार्ड’ प्रजाति का यह बाज न सिर्फ खिड़कियों पर हमला करता है, बल्कि स्कूल के बच्चों को बाहर निकलने तक से रोक चुका है। ग्रामीणों ने इस हमलावर बाज को ‘ब्रेंडा’ नाम दे दिया है, जो मार्च के अंत से गांव में दहशत का कारण बना हुआ है।
यह बाज एक खास प्रवृत्ति वाला शिकारी पक्षी है, जो खतरा महसूस होते ही सीधी और तेज गति से नीचे गिरते हुए हमला करता है, जैसे बम गिराया जा रहा हो। इसी वजह से इसे 'डाइव बॉम्बिंग बुजार्ड' (Dive Bombing Buzzard) कहा जाता है। इस बाज की हरकतें कैमरे में भी कैद हुई हैं। गांव के निवासी निक वुडगेट ने एक वीडियो रिकॉर्ड कर शेयर किया, 20 मई को ये वीडियो बनाया गया, जिसके बाद वीडियो वायरल हो चुका है। बतादें इस वीडियो में बाज एक घर की खिड़की को बार-बार तोड़ने की कोशिश करता दिख रहा है।
लोगों पर हमले और डर का माहौल
यह हमला सिर्फ खिड़कियों तक सीमित नहीं रहा। 35 साल के टॉमस रियान शॉबरी पर भी यह बाज हमला कर चुका है। टॉमस पर दौड़ते वक्त बाज ने चार बार झपट्टा मारा और उन्हें लगभग एक किलोमीटर तक पीछा किया। उनका चेहरा लहूलुहान हो गया। गांव में कई बाकी लोगों को भी ऐसी ही घटनाओं का सामना करना पड़ा है।
स्कूल बंद, ब्लैकआउट और कानूनी उलझन
बाज के हमलों के कारण गांव के प्राथमिक स्कूल को बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई दिनों तक बंद रखना पड़ा। स्थिति यहां तक पहुंच गई कि पूरे गांव में ब्लैकआउट लागू करना पड़ा, ताकि बाज को रोका जा सके। लेकिन इस बाज को ब्रिटेन में कानूनी संरक्षण प्राप्त है, इसलिए इसे नुकसान पहुंचाना गैरकानूनी है। स्थानीय प्रशासन भी इसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करने में असमर्थ है।
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हैवरिंग एट बोवर गांव में ये अकेला पक्षी पूरे गांव के लिए चिंता का कारण बन गया है। यह घटना न सिर्फ वन्यजीवों के व्यवहार पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि जब कानून और प्रकृति के बीच टकराव हो, तो समाधान आसान नहीं होता।
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Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 10 June 2025 at 15:58 IST