अपडेटेड 22 June 2025 at 21:29 IST
China Mosquito Dron : चाइना हर रोज तकनीक के क्षेत्र में नए झंडे गाड़ रहा है। अब चीनी इंजीनियरों ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के लिए एक मच्छर के आकार का बायोनिक मिनी-रोबोट ड्रोन बना दिया है। चीन की ये उपलब्धि युद्ध के मैदान में जासूसी करने के लिए रामबाण साबित होगी। आकार में बेहद छोटा होने के बावजूद इस ड्रोन को निगरानी और टोही करने में इस्तेमाल किया जाएगा।
चीन का ये बायोनिक मिनी ड्रोन एक मच्छर के आकार का है, जिसे सैन्य जरूरतों, विशेष रूप से युद्धक्षेत्र में जासूसी और निगरानी के लिए डिजाइन किया गया है। यह ड्रोन चीन की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी (NUDT) की रोबोटिक्स प्रयोगशाला में बनाया गया है और इसे मोबाइल फोन के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है। इसका छोटा आकार और जैविक डिजाइन इसे बेहद गुप्त और प्रभावी बनाते हैं। दूसरे देश की सेना के लिए इसे खोजना बेहद मुश्किल होगा।
चाइना सेंट्रल टेलीविजन (CCTV) की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस ड्रोन को खास तौर पर PLA के लिए विकसित किया गया है। यह तकनीक सैन्य निगरानी में क्रांति ला सकती है, क्योंकि यह पारंपरिक ड्रोन की तुलना में अधिक छिपकर अपना काम करने में सक्षम है। इस ड्रोन के बारे में अभी सार्वजनिक रूप से अधिक तकनीकी जानकारी उपलब्ध नहीं है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक अभी शुरुआती चरण में हो सकती है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को देख आप हैरानी से भर जाएंगे।
खबरों के मुताबिक यह मिनी-ड्रोन लंबे समय तक उड़ान भरने और हाई-रिजॉल्यूशन कैमरा तकनीक से लैस है। ड्रोन को खासतौर पर दुश्मन इलाकों में गहराई तक घुसपैठ के लिए बनाया गया है। इसका मच्छर जैसा आकार इसकी सबसे बड़ी ताकत है।
माइक्रो ड्रोन छोटे आकार के मानवरहित हवाई यान (UAV) होते हैं, जिनका वजन आमतौर पर 250 ग्राम से कम और आकार कुछ इंच से लेकर एक फीट तक होता है। इनकी विशेषता आकार और वजन है। कई माइक्रो ड्रोन में हाई-रिजॉल्यूशन वाले कैमरे, GPS और बाधा सेंसर होते हैं। इन्हें फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
भारत में माइक्रो ड्रोन को ड्रोन नियम 2021 के तहत नियंत्रित किया जाता है। 250 ग्राम से कम वजन वाले ड्रोन को रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन उड़ान के लिए DGCA के दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी है।
पब्लिश्ड 22 June 2025 at 21:15 IST