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Updated March 7th, 2024 at 14:35 IST

Republic Summit 2024: गगनयान मिशन पर भारत का क्या है पूरा प्लान? ISRO चीफ एस सोमनाथ ने बताया

Republic Summit में गगनयान मिशन को लेकर इसरो चीफ ने कहा कि उम्मीद है, हम 2025 में इसरो के गगनयान मिशन का प्रक्षेपण करने में सक्षम होंगे।

Reported by: Kanak Kumari
ISRO Chief S Somnath
रिपब्लिक समिट में एस सोमनाथ | Image:Republic
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख एस सोमनाथ ने रिपब्लिक समिट में Bharat: The Next Decade में विज्ञान के क्षेत्र में भारत के भविष्य को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने अगले दशक में भारत को तकनीकी रूप से उन्नत राष्ट्र बनने के अपने दृष्टिकोण के बारे में बताया।

रिपब्लिक के मंच से अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने कृषि, डिजिटल प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अंतरिक्ष क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला, और कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रगति भारत के समग्र विकास में योगदान देगी। गगनयान मिशन को लेकर इसरो चीफ ने कहा, “गगनयान मिशन एक बार की घटना नहीं है। अंतरिक्ष तक पहुंचना इंसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उम्मीद है, हम 2025 में इसरो के गगनयान मिशन का प्रक्षेपण करने में सक्षम होंगे। यदि संभव नहीं हुआ, तो हम समयरेखा को रीसेट कर देंगे। एक बार जब हमारे पास अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन होगा, तो हमारे लिए भारतीय वैज्ञानिकों को प्रयोग करने और आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए वहां भेजना संभव होगा।”

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इसरो के पास कम बजट में मिशन सफल बनाने की क्षमता: एस सोमनाथ

सोमनाथ ने कम बजट में मिशनों को अंजाम देने की इसरो की क्षमता की सराहना की, जिसे विशेषज्ञ भारत की क्षमता और वैश्विक स्तर पर भी अभूतपूर्व मानते हैं। उन्होंने गगनयान मिशन का भी उल्लेख किया और इसे नियमित रॉकेट प्रक्षेपणों से अलग बताया क्योंकि इसमें मानव अंतरिक्ष उड़ान शामिल है। इसरो प्रमुख ने आगे मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू करने की इसरो की आकांक्षा व्यक्त की, लेकिन प्रौद्योगिकी अधिग्रहण में चुनौतियों का उल्लेख करते हुए सुझाव दिया कि यह तय समय में होगा।

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चंद्रयान की सफलता पर हमें दुनिया से मिली सराहना: इसरो चीफ

रिपब्लिक समिट में उनसे पूछा गया कि क्या आपको वो दौर याद है जब भारत का मजाक उड़ाया जाता था, कुछ तस्वीरें दुनिया को दिखाई गईं। जिसमें बैलगाड़ी पर रॉकेट ले जाते साइंटिस्ट दिखे, पश्चिमी मीडिया ने जिस तरह से भारत की इमेज को ठेस पहुंचाता कार्टून पेश किया। इस पर सोमनाथ ने कहा कि वो और उनकी टीम काम करती है। ये जो मजाक उड़ता था वो दूसरे सेक्टर में होता था जिससे हमारा कोई लेना देना नहीं था। चंद्रयान की सफलता पर हमें पश्चिम से काफी सराहा गया।  

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Published March 7th, 2024 at 14:35 IST

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