अपडेटेड 15 May 2025 at 17:03 IST
ISRO अपने अगले अंतरिक्ष कीर्तिमान के लिए तैयार, 18 मई को 101वीं लॉन्चिंग; किस फायदे की रहने वाली है अगली सैटेलाइट जानिए
इसरो PSLV-C61 के जरिए अत्याधुनिक ईओएस-09 सैटेलाइट को लॉन्च करेगा। बताया जाता है कि सी-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार से लैस ईओएस-09 सभी मौसम की स्थिति, दिन या रात में पृथ्वी की सतह की हाई-रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें लेने में सक्षम होगा।
- टेक्नोलॉजी न्यूज
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ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान यानी इसरो एक नई उड़ान भरने जा रहा है। अहम ये है कि इसरो की ये 101 की उड़ान होगी, जिसके तहत अंतरिक्ष में एक सैटेलाइट को पहुंचाया जाना है। ये सैटेलाइट भी अपने आप में काफी अहमियत रखती है। इसरो ने इस सैटेलाइट को लॉन्च करने का समय 18 मई तय किया है। हालांकि उससे पहले इस अंतरिक्ष उड़ान की पूरी तैयारी की जा चुकी है।
इसरो- ISRO ने तस्वीरें साझा की हैं और जानकारी दी है कि 18 मई को सुबह 5:59 पर लॉन्च के एक कदम और करीब आ चुके हैं। इसरो की टीम 101वीं लॉन्चिंग की दिशा में PSLV को पेलोड इंटीग्रेशन फैसिलिटी (PIF) से SDSC-SHAR, श्रीहरिकोटा में मोबाइल सर्विस टॉवर तक लेकर गई। इसरो ने इसी का एक वीडियो शेयर किया है।
अत्याधुनिक ईओएस-09 सैटेलाइट क्या काम करेगा?
असल में इसरो PSLV-C61 के जरिए अत्याधुनिक ईओएस-09 (EOS-09) सैटेलाइट को लॉन्च करेगा। बताया जाता है कि सी-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार से लैस ईओएस-09 सभी मौसम की स्थिति, दिन या रात में पृथ्वी की सतह की हाई-रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें लेने में सक्षम होगा।
जुलाई तक इसरो के कई कार्यक्रम तय
पिछले महीने अंतरिक्ष विभाग की ओर से इसरो के आगामी मिशन की जानकारी दी गई थी। ईओएस-09 (EOS-09) सैटेलाइट के अलावा एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि टेस्ट व्हीकल-डी2 (टीवी-डी2) मिशन होगा, जिसे एक एबॉर्ट परिदृश्य का इमिटेशन करने और गगनयान क्रू एस्केप सिस्टम का प्रदर्शन करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस मिशन में क्रू मॉड्यूल के लिए समुद्री रिकवरी ऑपरेशन शामिल हैं, जो भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए नियोजित प्रक्रियाओं की नकल करता है।
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जून में निसार सैटेलाइन का जीएसएलवी-एफ16 पर प्रक्षेपण होना है। नासा-इसरो का ये सहयोग नासा के एल-बैंड पेलोड को इसरो के एस-बैंड योगदान के साथ जोड़कर दोहरी-फ्रीक्वेंसी रडार डेटा के माध्यम से पृथ्वी के ईकोसिस्टम और प्राकृतिक खतरों का अध्ययन करना है। जुलाई के लिए एलवीएम3-एम5 मिशन निर्धारित है।
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 15 May 2025 at 17:03 IST