अपडेटेड 16 January 2025 at 19:12 IST
New SIM Card Rules: सिम कार्ड खरीदने के नियम में बड़ा बदलाव, PMO ने जारी की एडवाइजरी, जानिए कौन सा डॉक्यूमेंट होगा वैलिड
New SIM Card Rules: मोदी सरकार ने सिम कार्ड खरीदने के नियम में बड़ा बदलाव किया गया है। इससे साइबर अपराध पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। PMO ने एडवाइजरी जारी की।
- टेक्नोलॉजी न्यूज
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New SIM Card Rules: अब नया सिमकार्ड खरीदना आसान नहीं होगा। सिमकार्ड खरीदकर कुछ भी गड़बड़ी करने वालों की अब खैर नहीं होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि मोदी सरकार ने नए सिम कार्ड जारी करने को लेकर सभी कंपनियों को नए निर्देश जारी कर दिए हैं। पहले केवल पहचान पत्र दिखाकर लोग नया सिम कार्ड खरीद लिया करते थे, लेकिन अब नया सिम कार्ड खरीदने के लिए आपको मोदी सरकार के नए नियम को फॉलो करना होगा।
PMO की ओर से टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) को बेहद जरूरी निर्देश जारी किया है। उस निर्देश के अनुसार अब आधार बेस्ड बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है। पहले आप सिम कार्ड लेने के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड या पासपोर्ट का इस्तेमाल कर लिया करते थे। लेकिन अब आपको अगर नया सिमकार्ड चाहिए तो इसके लिए लिए आपका बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करवाना होगा।
बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से क्या होगा फायदा?
बता दें, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से फर्जी सिम लेकर अपराध को अंजाम देने वाले लोगों पर लगाम लगेगा। अब बायोमेट्रिक के जरिए सही पहचान वाले लोग ही सिम निकाल सकेंगे, ना कि कोई और, जैसा कि आधार कार्ड के साथ पहले हुआ करता था। इसकी वजह से गैरकानूनी और साइबर अपराध के मामले ज्यादा देखने को मिलते थे, और अपराधी को पकड़ना मुश्किल होता था।
साइबर क्राइम को रोकने के लिए उठाया कदम
टेलीकॉम डिपॉर्टमेंट ने साझा किया कि ऐसे कई मामले सामने आए, जिसमें एक ही मोबाइल से कई नेटवर्क चालू होते थे, जिससे साइबर अपराध को भी अंजाम दिया जाता था। सरकार ने साइबर अपराध को रोकने के लिए ये कदम उठाया है।
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CNAP लागू होने से मिलेगा ये फायदा
बता दें, इसी क्रम में सरकार ने CNAP लागू करने का भी निर्देश दिया है। इससे आपके स्मार्ट फोन पर जिसका भी कॉल आएगा, उसका नाम स्क्रीन पर दिखेगा। बता दें, मोबाइल की स्क्रीन पर वही नाम डिस्प्ले होगा, जिसके नाम पर सिम कार्ड जारी हुआ है। इसके साथ ही TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर नेटवर्क कवरेज मैप पब्लिश करने का आदेश दिया है। सरकार ने इसे अप्रैल 2025 तक लागू करने का निर्देश भी दिया है।
इस आदेश के अनुसार टेलीकॉम कंपनियों को अपनी 2G/3G/4G/5G कवरेज से जुड़ी जियोग्राफिकल मैप पब्लिश करनी होगी, ताकि जब भी कोई यूजर अपना ऑपरेटर चुने तो उसे कवरेज दिख सके और वो कवरेज के हिसाब से अपना ऑपरेटर चुन सके। इससे क्वालिटी ऑफ सर्विस को बढ़ाया जा सकेगा।
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Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 16 January 2025 at 19:12 IST