अपडेटेड 9 September 2024 at 19:07 IST

वो स्त्री है कुछ भी कर सकती है...बिन हाथ-पैर के सीख रही तीरंदाजी, रोंगटे खड़े कर देगा बच्ची का VIDEO

पैरालंपिक में बिना हाथ की शीतल देवी ने तीरंदाजी में ब्रॉन्ज जीता। उन्ही के नक्शे कदम पर 13 साल की पायल भी बिना हाथ-पैर के तीरंदाजी में अपना जलवा बिखेर रही हैं।

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Payal Nag
Payal Nag | Image: X

मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है 
पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों में उड़ान होती है

ये कहावत 13 साल की इस छोटी बच्ची पर बिल्कुल सटीक बैठती है। पेरिस पैरालंपिक में हमने देखा कि कैसे शीतल देवी ने बिना हाथों के अपने लक्ष्य पर निशाना साधा और भारत के लिए मेडल लेकर आईं। शीतल देवी से ही प्रेरणा लेकर इस बच्ची ने कुछ ऐसा किया है जिसे देखकर हर कोई अपने दांतो तले उंगली दबा रहा है।

पेरिस पैरालंपिक में शीतल देवी ने राकेश कुमार के साथ जोड़ी में कांस्य पदक जीत भारत का नाम रोशल किया था। अब उन्हीं के नक्शे कदम पर भारत की एक और बेटी बिना हाथ, बिना पैर के तीरंदाजी कर रही है। सोशल मीडिया पर इस 13 साल की लड़की का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

बिना हाथ-पैर के तीरंदाजी कर रही 13 साल की लड़की 

ये वीडियो खेलो इंडिया द्वारा शेयर किया गया है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक 13 साल की लड़की बिना हाथ के बिना पैर के अपने लक्ष्य पर निशाना साध रही है। लंबे समय तक वो अपने निशाने के लिए धनुष से निशाना साधती है और आखिर में जब वो तीर छोड़ती है तो निशाना अपनी जगह पर लगता है। ऐसा करने के बाद 13 साल की उस लड़की के चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है। पास में खड़ा एक लड़का उस लड़की द्वारा किए इस करिश्मे को देखकर हैरान रह जाता है।

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शीतल देवी के कोच से ट्रेनिंग ले रहीं पायल नाग

वायरल वीडियो में जो लड़की दिख रही है वो ओडिशा के बलांगीर जिले की पायल नाग हैं। सूत्रों के अनुसार, बचपन में बिजली का झटका लगने से पायल अपने हाथ-पैर खो बैठी थीं। पायल नाग कोच कुलदीप वेदवान से प्रशिक्षण ले रही हैं। कुलदीप वेदवान वहीं इंसान हैं जिन्होंने शीतल देवी को ट्रेनिंग दी है।

शीतल देवी ने पेरिस पैरालंपिक में जीता ब्रॉन्ज मेडल 

शीतल देवी तीरंदाजी जगत में एक जाना-माना नाम हैं। शीतल देवी को कुलदीप वेदवान ने प्रशिक्षित किया। जिसकी बदौलत वे पेरिस पैरालंपिक में मिश्रित टीम कंपाउंड तीरंदाजी प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीत पाईं। अर्जुन पुरस्कार विजेता शीतल देवी फोकोमेलिया नामक एक दुर्लभ बीमारी के कारण बिना हाथों के पैदा हुई थींष लेकिन शीतल देवी ने इस बीमारी को अपने सपनों के आगे नहीं आने दिया और नतीजा ये रहा कि आज वे भारत के लिए सबसे कम उम्र में मेडल लाने वाली महिला पैरा शूटर बनीं। 

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Published By : Shubhamvada Pandey

पब्लिश्ड 9 September 2024 at 19:01 IST