अपडेटेड 10 March 2025 at 16:48 IST
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ ने अपना नाम बदलकर राष्ट्रमंडल खेल किया
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ ने सोमवार को अपना नाम बदलकर राष्ट्रमंडल खेल कर लिया और कहा कि यह संचालन संस्था से एक आंदोलन बनने का बदलाव है।
- खेल समाचार
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राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने सोमवार को अपना नाम बदलकर राष्ट्रमंडल खेल कर लिया और कहा कि यह संचालन संस्था से एक ‘आंदोलन’ बनने का बदलाव है। नाम बदलने के फैसले की घोषणा 10 मार्च को राष्ट्रमंडल दिवस के मौके पर की गई।
राष्ट्रमंडल खेल और राष्ट्रमंडल युवा खेलों की संचालन संस्था ने एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा, ‘‘राष्ट्रमंडल दिवस 2025 से राष्ट्रमंडल खेल महासंघ को राष्ट्रमंडल खेल के नाम से जाना जाएगा।’’ विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘राष्ट्रमंडल खेल महासंघ अपना सार्वजनिक ब्रांड नाम बदलकर राष्ट्रमंडल खेल कर रहा है। यह ब्रांड विकास संगठन के ‘खेल महासंघ’ से ‘खेल आंदोलन’ में परिवर्तन को दर्शाता है।’’ राष्ट्रमंडल खेल की सीईओ कैटी सेडलियर ने कहा, ‘‘ब्रांड नाम राष्ट्रमंडल खेल एक मजबूत, अधिक एकीकृत उद्देश्य को दर्शाता है जो हमारे दर्शकों के साथ गहरे स्तर पर जुड़ता है।’’
‘राष्ट्रमंडल खेल महासंघ’ को केवल कानूनी इकाई के नाम के रूप में रखा जाएगा। इस बीच राष्ट्रमंडल खेल के संरक्षक किंग चार्ल्स सोमवार को राष्ट्रमंडल दिवस पर बकिंघम पैलेस में ग्लास्गो 2026 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए राष्ट्रमंडल खेल किंग्स बेटन (मशाल) रिले का आधिकारिक रूप से शुभारंभ करेंगे। किंग चार्ल्स राष्ट्रमंडल को अपना संदेश पहले बेटन में रखेंगे। वह इसे पहले बेटनधारक सर क्रिस होय को सौंपेंगे और ग्लास्गो 2026 के उद्घाटन समारोह से 500 दिन पहले रिले की शुरुआत करेंगे। यह राष्ट्रमंडल खेलों की अब तक की सबसे लंबी बेटन रिले होगी जिसमें 74 देशों और क्षेत्रों में से प्रत्येक राष्ट्रमंडल खेल संघ के पास अपनी गतिविधियों की श्रृंखला आयोजित करने के लिए छह दिन तक का समय होगा।
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 10 March 2025 at 16:48 IST