अपडेटेड 2 August 2024 at 14:39 IST

विश्व मुक्केबाजी के अध्यक्ष ने पेरिस ओलंपिक में लैंगिक मुद्दों से निपटने के लिए आईओसी का किया समर्थन

विश्व मुक्केबाजी के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि जब लोग यहां प्रतिस्पर्धा करने के योग्य हों तो हमें उनका सम्मान करना होगा।

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controversy over transgender boxer imane khalif participation in paris olympics 2024
पेरिस ओलंपिक में ट्रांसजेंडर मुक्केबाज इमाने खलीफ की प्रतिभागिता पर बवाल | Image: AP

अगले ओलंपिक में मुक्केबाजी का संचालन करने की उम्मीद लगाने वाले शासी निकाय ‘विश्व मुक्केबाजी’ के प्रमुख बोरिस वान डेर वोर्स्ट ने कहा कि वह पेरिस ओलंपिक में आईओसी (अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति) की पात्रता नीतियों का समर्थन करते हैं। उन्होंने लैंगिक मुद्दों की गहरी समझ नहीं रखने वालों से इस पर फैसला करने के लिए चिकित्सा पेशेवरों और वैज्ञानिकों पर भरोसा करने की सलाह दी।

विश्व मुक्केबाजी के अध्यक्ष वोर्स्ट ने गुरुवार को ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि उनका संगठन स्वास्थ्य और लिंग पर अपनी नीतियों को विकसित करने में हमेशा एथलीटों की सुरक्षा को पहले स्थान पर रखेगा। आईओसी का कार्यबल तोक्यो ओलंपिक के बाद पेरिस में भी मुक्केबाजी का संचालन कर रहा है।

विश्व मुक्केबाजी से अभी सीमित संख्या में देश जुड़े है लेकिन उसे 2026 में डकार, सेनेगल में युवा ओलंपिक और 2028 में लॉस एंजिल्स में इस खेल के संचालन का अधिकार मिलने की उम्मीद है। वोर्स्ट आईओसी के ओलंपिक मुक्केबाजी के संचालन के आलोचकों से भी असहमत हैं। उन्होंने अल्जीरिया की महिला मुक्केबाज इमान खेलीफ और ताइवान की लिन यू-टिंग की पात्रता के मामले में आईओसी का समर्थन किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि जब लोग यहां प्रतिस्पर्धा करने के योग्य हों तो हमें उनका सम्मान करना होगा। यह सभी मुक्केबाजों, यहां शामिल सभी लोगों के लिए बहुत दुखद स्थिति है।’’

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आईओसी द्वारा प्रतिबंधित अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) ने दावा किया कि दोनों मुक्केबाज 2023 विश्व चैंपियनशिप में लिंग पात्रता परीक्षण में विफल रहे थे। दोनों ने हालांकि इससे पहले कई वर्षों तक एमेच्योर मुक्केबाजी में प्रतिस्पर्धा की थी। खेलीफ गुरुवार को इटली की प्रतिद्वंद्वी एंजेला कारिनी के मुकाबले के महज 46 सेकेंड बाद हटने से पेरिस ओलंपिक का पहले दौर का मुकाबला जीत गईं।

कारिनी ने कहा कि वह खेलीफ के खिलाफ कोई राजनीतिक भाव भांगिमा नहीं दिखा रही थी लेकिन इस मुकाबले से हटने के बाद उनकी नम आंखें सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी और लोगों ने उनके प्रति सहानुभूती दिखायी।

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वोर्स्ट ने एपी को बताया, ‘‘आज जो हुआ, वह नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ सोशल मीडिया से, मीडिया और बाकी सभी से जो दबाव बना वह बहुत मददगार नहीं है। यह हर किसी के दिमाग में घर कर रहा है।’’

खेलीफ और लिन की आलोचना आंशिक रूप से आईबीए की नीतियों और निर्णयों पर आधारित है। आईबीए को नेतृत्व, अखंडता और वित्तीय पारदर्शिता में गड़बड़ी जैसे मामलों को लेकर आईओसी ने 2019 से ओलंपिक से अलग कर दिया है।

खेलीफ एमेच्योर मुक्केबाज हैं जिन्होंने आईबीए की 2022 विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता। पिछले साल की विश्व चैम्पियनशिप में उन्हें स्वर्ण पदक मैच से ठीक पहले ‘डिस्क्वालीफाई’ घोषित कर दिया था क्योंकि जांच में दावा किया गया कि उनके टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ा हुआ था।

आईबीए ने इसी तरह के मामले में लिन से कांस्य पदक वापस ले लिया था। ताइवान और अल्जीरिया दोनों अभी भी आईबीए के सदस्य हैं, लेकिन लिन ने प्यूब्लो ( कोलोराडो) में विश्व मुक्केबाजी के आमंत्रण टूर्नामेंट में भाग लिया था। वह अपना पहला मुकाबला ब्राजील की ओलंपियन जूसिएलेन रोमू से हार गईं थी।

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Published By : Ritesh Kumar

पब्लिश्ड 2 August 2024 at 14:39 IST