अपडेटेड 28 July 2024 at 18:07 IST
4 साल बाद हुआ मनु भाकर के आंसुओं का हिसाब...टोक्यो में खराब हुआ था पिस्टल, पेरिस में मेडल जीतकर बदला
पेरिस ओलंपिक में भारत को पहला मेडल जीतने वाली महिला शूटर मनु भाकर (Manu Bhaker) ने पिछले ओलंपिक यानी टोक्यो ओलंपिक में निकले अपने आंसूओं का बदला पूरा कर लिया।
- खेल समाचार
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Manu Bhaker: पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics) में भारत को पहला मेडल जीतने वाली महिला शूटर (Shooter) मनु भाकर ने पिछले ओलंपिक यानी टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में अपने आंसूओं का बदला पूरा कर लिया। मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया। वे प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर रहीं।
22 साल की मनु भाकर ने फाइनल में 221.7 का स्कोर हासिल कर ब्रॉन्ज मेडल जीता। एक समय वो सिल्वर मेडल के करीब थीं। लेकिन 0.1 अंक के अंतर से वो ये पदक चूक गईं। आपको बता दें कि टोक्यो ओलंपिक में मनु भाकर की पिस्टल ने आखिरी वक्त पर धोखा दे दिया था जिसके चलते वे बाहर हो गईं थी।
टोक्यो ओलंपिक में मनु भाकर के साथ क्या हुआ था?
टोक्यो ओलंपिक के दौरान मनु भाकर 19 साल की थी। पहली सीरीज में मनु ने 98/100 स्कोर किया था जिससे वह दूसरे स्थान पर थी। लेकिन इसके बाद दूसरी सीरीज में उनकी पिस्टल खराब हो गई थी जिसके बाद उन्हें पूरी पिस्टल नहीं, बल्कि केवल खराब लीवर को बदलने की अनुमति दी गई। इस प्रक्रिया में उन्होंने बहुत समय गंवाया और अपनी स्थिति सुधारने की पूरी कोशिश की थी। लेकिन तब तक काफी देर हो गई थी। वो तब आखिर में 12वीं स्थान पर खिसक गईं और फाइनल के लिए क्वालीफाई करने की रेस से बाहर हो गईं थी।
टोक्यो ओलंपिक से मनु भाकर आंख में आंसू और बिना कोई मेडल के वापस लौंटी थी। लेकिन पेरिस ओलंपिक ने उन्होंने अपने सारे आंसूओं का बदला ले लिया और शूटिंग के इतिहास में मेडल जीतने वाली पहली महिला शूटर बनीं। टोक्यो ओलंपिक में मेडल न मिलने से मनु काफी निराश थी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आज नतीजा सबके सामने हैं।
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मनु भाकर ने खत्म किया 12 सालों का सूखा
बता दें कि मनु भाकर से पहले ओलंपिक में भारत ने आखिरी मेडल 2012 में जीता था। 12 सालों के लंबे इंतजार के बाद भारत ने खेलों के महाकुंभ में शूटिंग इवेंट में मेडल जीता है। मनु भाकर शूटिंग में ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गईं हैं। इतिहास की बात करें तो मनु भाकर ओलंपिक में पदक जीतने वाली 5वीं भारतीय खिलाड़ी बनी हैं। इससे पहले 2004 एथेंस ओलंपिक में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने सिल्वर, 2008 बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड, 2012 लंदन ओलंपिक में विजय कुमार ने सिल्वर और गगन नारंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
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Published By : Shubhamvada Pandey
पब्लिश्ड 28 July 2024 at 18:07 IST