अपडेटेड 3 August 2024 at 19:02 IST
EXCLUSIVE/ Paris Olympics 2024: मेल Vs फिमेल बॉक्सिंग विवाद में कूदीं ये भारतीय एथलीट, दिया बड़ा बयान
मौजूदा 2024 पेरिस ओलंपिक में इस वक्त एक मुद्दे को लेकर काफी विवाद देखने को मिल रहा है, जो बॉक्सिंग में महिला के सामने पुरुष मुक्केबाज से जुड़ा है।
- खेल समाचार
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Paris Olympics 2024: खेलों के महाकुंभ ओलंपिक (Olympic) का रोमांच जारी है। हर दिन एक से बढ़कर एक इवेंट देखने को मिल रहे हैं, लेकिन 2024 पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics 2024) में कुछ दिन पहले एक ऐसा इवेंट हुआ, जिसको लेकर ऐसा विवाद खड़ा हुआ है कि थमने का नाम नहीं ले रहा है।
दरअसल 2024 पेरिस ओलंपिक के छठे दिन गुरुवार यानि 1 अगस्त को महिला बॉक्सिंग का एक मुकाबला हुआ। महिला बॉक्सिंग इवेंट में महिला मुक्केबाज के आगे एक पुरुष के रिंग में उतरने को लेकर हो रहे इस विवाद में अब भारतीय एथलीट दुती चंद (Dutee Chand) भी कूद गईं हैं। भारत की इस दिग्गज धाविका (Sprinter) ने ओलंपिक में हुए जेंडर विवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है।
इमाने खलीफ का लिया पक्ष
दो बार की ओलंपियन और 100 मीटर नेशनल रिकॉर्ड धारक दुती चंद ने अल्जीरियाई बॉक्सर इमाने खलीफ, जिसे सोशल मीडिया पर सब पुरुष बता रहे हैं और इटली की एंजेला कैरिनी के बीच हुई फाइट को लेकर बड़ा बयान दिया है। 28 साल की दुती चंद ने इस मामले पर हो रहे विवाद को बेबुनियाद बताया है और इमाने खलीफ का पक्ष लिया है। दुती चंद ने रिपब्लिक को दिए एक्स्लूजिव इंटरव्यू में कहा-
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अभी पेरिस ओलंपिक में जो विवाद हो रहा है। इमाने खलीफ जो पेरिस ओलंपिक में खेल रही हैं, वो इससे भी कई कॉम्पिटिशन खेल चुकी हैं। वो इससे पहले 9 मैच हार चुकी हैं, लेकिन अब जीत गई तो इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर वो पुरुष होता तो वो इतने समय तक महिला कैटेगिरी में कैसे खेल रहे थे? इस मसले से उसकी छवि खराब होगी।
दुती चंद ने सभी आरोपों को गलत ठहराया
भारतीय स्प्रिंटर दुती चंद ने कहा-
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हार्मोन लेवल बढ़ाने से कुछ नहीं होता। मेरे साथ भी ये हुआ था। IOC पहले ये कह रहा था कि हार्मोन लेवल बढ़ने से फायदा मिलता है, लेकिन ऐसा नहीं होता, ये मैंने साबित किया है। इमाने खलीफ की बात करें तो उन्हें हर टूर्नामेंट में अलग-अलग कहा जा रहा है। किसी में उन्हें महिला कहा गया, किसी में ट्रांसजेंडर और अब पुरुष कहा जा रहा है। हर इवेंट से पहले डोप टेस्ट, हार्मोन टेस्ट और जेंडर टेस्ट देना पड़ता है और ओलंपिक तो बहुत बड़ा इवेंट है।
दुती चंद ने शेयर किआ अपना किस्सा
दुती चंद ने इस मसले पर अपना पक्ष रखने के साथ ही अपना किस्सा भी शेयर किया है। बता दें कि वो भी इस दौर से गुजर चुकी हैं। उन्होंने कहा-
2014 में मुझे भी मेल कहा गया, लेकिन मैंने कोर्ट में केस करके ये साबित किया कि मैं महिला हूं। मैंने स्विट्जरलैंड के खेल विवाद निपटान अदालत में इस नियम को चुनौती दी थी कि जिस व्यक्ति में टेस्टोस्टेरॉन का स्तर ज्यादा होता है, उसे खेलों में हिस्सा नहीं लेना चाहिए। ये कहा गया था कि हार्मोन का स्तर खेल प्रदर्शन को बढ़ा नहीं सकता। उस समय मुझे बहुत तकलीफ हुई। मुझे अपने लिंग को लेकर बहुत विवाद का सामना करना पड़ा।
दुती चंद ने जोर देकर कहा कि ये जेंडर विवाद ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में फेडरेशन और सरकार को खिलाड़ी का सपोर्ट करना चाहिए। महिला के ऊपर दबाव डालने से मानसिक तनाव बढ़ता है। छवि खराब होती है।
एंजेला ने रोकर बताई आपबीती
बता दें कि 2024 पेरिस ओलंपिक में गुरुवार, 1 अगस्त को अंडर 66 किग्रा वर्ग महिला बॉक्सिंग में इटली की एंजेला कैरिनी का सामना अल्जीरियाई बॉक्सर इमाने खलीफ से हुआ था, जो बेहद खतरनाक मुक्केबाज हैं। उन्हें मेल बॉक्सर बताया जा रहा है। इमाने खलीफ वहीं बॉक्सर हैं, जिन्हें इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (IBA) ने महिलाओं के इवेंट में भाग लेने से बैन किया हुआ है, लेकिन इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) ने उन्हें पेरिस ओलंपिक में भाग लेने की अनुमति दी है। इमाने खलीफ ने 1 अगस्त को अपने पहले मुकाबले में इटली की एंजेला कैरिनी को इतरे खतरनाक और दर्दनाक पंच मारे कि वो 46 सैकेंड में ही हार मान गई और मुकाबला न लड़ने का फैसला किया। मैच के बाद एंजेला रोती हुईं दिखीं और उन्होंने इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) पर सवाल उठाए।
Published By : DINESH BEDI
पब्लिश्ड 3 August 2024 at 18:58 IST