Published 09:29 IST, September 5th 2024
मां के निधन के 20 दिन बाद हरविंदर सिंह ने गोल्ड जीत रचा इतिहास, PM मोदी ने तारीफ में बोल दी बड़ी बात
पेरिस में चल रहे पैरालंपिक 2024 में भारतीय एथलीट्स हरविंदर सिंह ने शानदार प्रदर्शन कर नया इतिहासा रच दिया तो PM मोदी ने तारीफ में बड़ी बात कही है।
पेरिस में चल रहे पैरालंपिक 2024 में भारतीय एथलीट्स हरविंदर सिंह ने शानदार प्रदर्शन कर नया इतिहासा रच दिया। हरविंदर पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाला पहले भारतीय तीरंदाज बन गए हैं। हरविंदर के स्वर्ण के साथ देश के कुल पदकों की संख्या 22 पहुंच गयी। खेलों का 22वां मेडल हरविंदर सिंह ने मेंस रिकर्व ऑर्चरी में जिताया। इस महान खिलाड़ी की सफलता पर पूरे देश को गर्व हो रहा है। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने भी हरविंदर सिंह को जीत बधाई दी और उनकी सफलता पर बड़ी बात की है।
भारत के हरविंदर सिंह ने बुधवार को पेरिस पैरालंपिक की पुरुष रिकर्व ओपन तीरंदाजी स्पर्धा के फाइनल में पोलैंड के लुकास सिजेक को एकतरफा मुकाबले में 6-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता और पैरालंपिक में लगातार दूसरा पदक सुनश्चित किया। इससे पहले उन्होंने 2020 पैरालंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। हरविंदर सिंह ने पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाला पहला भारतीय तीरंदाज बनकर इतिहास रच दिया। इस उपलब्धि का पाने वाले वो पहले भारतीय तीरंदाज बने। पीएम मोदी ने हरविंदर को जीत की बधाई दी है।
PM मोदी ने तारीफ में कही बड़ी बात
PM मोदी ने अपने X हैंडल पर लिखा, पैरा तीरंदाजी में एक बहुत ही खास स्वर्ण पदक! पैरालिंपिक 2024 में पुरुषों के व्यक्तिगत रिकर्व ओपन में स्वर्ण पदक जीतने के लिए हरविंदर सिंह को बधाई। उनकी सटीकता, ध्यान और अटूट भावना शानदार है। भारत उनकी उपलब्धि से बहुत खुश और गौरवान्वित है।
किसान परिवार में जन्में हरविंदर का मुश्किल सफर
हरियाणा के कैथर गांव में जन्में हरविंदर सिंह का सफर आसान नहीं रहा। महज 1.5 साल की उम्र में उनके पैरों की गतिशीलता खत्म हो गई थी, लेकिन उन्होंने जिंदगी से हार नहीं मानी बल्कि अपनी पूरी ताकत झोंककर खेलों में रुचि दिखाई और अब पैरालंपिक 2024 में गोल्ड जीतकर भारत का नाम रोशन कर दिया। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले हरविंदर जब डेढ़ साल के थे तो उन्हें डेंगू हो गया था और इसके उपचार के लिए उन्हें इंजेक्शन लगाये गये थे। दुर्भाग्य से इन इंजेक्शन के कुप्रभावों से उनके पैरों की गतिशीलता चली गई।
पैरालंपिक इतिहास में ये पहली बार है जब किसी खिलाड़ी ने तीरंदाजी में स्वर्ण पदक जीता है। हरविंदर सिंह को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कई प्रकार के संघर्षों का सामना करना पड़ा। तमाम चुनौतियों का डटकर सामने करते हुए उन्होंने 2017 में तीरंदाजी विश्व चैंपियनशिप में डेब्यू किया और 7वें स्थान पर रहे। इसके एक साल बाद 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
20 दिन पहले सिर से उठा मां का साया
हरविंदर सिंह की कहानी इसलिए भी प्रेरणादायक है क्योंकि पैरालंपिक 2024 में गोल्ड मेडल जीतने से 20 दिन पहले उनके सिर से मां का साया उठ गया था । तीरंदाजी में स्वर्ण पदक जीतने के बाद हरविंदर सिंह ने भावुक बयान दिया। उन्होंने कहा कि मैंने इवेंट से 20 दिन पहले मां को खो दिया। इसलिए मैं मानसिक रूप से दबाव महसूस कर रहा था। मैंने जिंदगी में बहुत कुछ खोया है, अपनी मां को भी। इसलिए ये गोल्ड मेडल मुझे कड़ी मेहनत और मां के आशीर्वाद से मिली है।
Updated 09:29 IST, September 5th 2024