अपडेटेड September 5th 2024, 07:31 IST
Who is Harvinder Singh: पेरिस में चल रहे पैरालंपिक 2024 में भारतीय एथलीट्स शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। भारत की झोली में अब तक रिकॉर्ड 24 मेडल आ चुके हैं और ये संख्या बढ़ सकती है। टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने कुल 19 मेडल जीते थे जो रिकॉर्ड अब टूट चुका है। बुधवार को तीरंदाजी इवेंट में हरविंदर सिंह ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। वो पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पैरा खिलाड़ी बने।
हरियाणा के कैथर गांव में जन्में हरविंदर सिंह का सफर आसान नहीं रहा। महज 1.5 साल की उम्र में उनके पैरों की गतिशीलता खत्म हो गई थी, लेकिन उन्होंने जिंदगी से हार नहीं मानी बल्कि अपनी पूरी ताकत झोंककर खेलों में रुचि दिखाई और अब पैरालंपिक 2024 में गोल्ड जीतकर भारत का नाम रोशन कर दिया।
पेरिस पैरालंपिक 2024 के 7वें दिन हरविंदर सिंह ने आर्चरी इवेंट के फाइनल में पोलैंड के लुकास सिसजैक को 6-0 से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। पैरालंपिक इतिहास में ये पहली बार है जब किसी खिलाड़ी ने तीरंदाजी में स्वर्ण पदक जीता है। हरविंदर सिंह को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कई प्रकार के संघर्षों का सामना करना पड़ा। हरविंदर सिंह जब 1.5 साल के थे तब उन्हें डेंग्यू हो गया था। इसके उपचार के लिए उन्हें इंजेक्शन लगाए गए, लेकिन दुर्भाग्य से इंजेक्शन के कुप्रभावों से उनके पैरों की ताकत चली गई।
तमाम चुनौतियों का डटकर सामने करते हुए उन्होंने 2017 में तीरंदाजी विश्व चैंपियनशिप में डेब्यू किया और 7वें स्थान पर रहे। इसके एक साल बाद 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
2020 ने आए महामारी में जब लोग अपने घरों में कैद थे तब हरविंदर सिंह के पिता ने बेटे के लिए खेतों में तीरंदाजी रेंज तैयार किया। हरविंदर ने जबरदस्त मेहनत की और टोक्यो पैरालंपिक में कांस्य पदक जीता।
20 दिन पहले मां को खोया
हरविंदर सिंह की कहानी इसलिए भी प्रेरणादायक है क्योंकि पैरालंपिक 2024 में गोल्ड मेडल जीतने से 20 दिन पहले उनके सिर से मां का साया उठ गया था । तीरंदाजी में स्वर्ण पदक जीतने के बाद हरविंदर सिंह ने भावुक बयान दिया। उन्होंने कहा कि मैंने इवेंट से 20 दिन पहले मां को खो दिया। इसलिए मैं मानसिक रूप से दबाव महसूस कर रहा था। मैंने जिंदगी में बहुत कुछ खोया है, अपनी मां को भी। इसलिए ये गोल्ड मेडल मुझे कड़ी मेहनत और मां के आशीर्वाद से मिली है।
भारत की झोली में अब तक 22 मेडल
बुधवार को हरविंदर सिंह के अलावा धर्मबीर और प्रणव सूरमा की जोड़ी ने पुरुष क्लब थ्रो F51 फाइनल में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। पैरालंपिक में इस इवेंट में भारत ने पहली बार मेडल जीता है। भारत की झोली में अब तक कुल 24 मेडल आ चुके हैं जिसमें 5 गोल्ड, 9 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल शामिल है।
पब्लिश्ड September 5th 2024, 07:31 IST