अपडेटेड 24 February 2025 at 23:22 IST

IOA ने मुक्केबाजी मामलों के संचालन के लिए तदर्थ समिति गठित की

आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने एक कार्यालय आदेश में लिखा, ‘‘आईओए भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के प्रशासनिक मामलों की बारीकी से निगरानी कर रहा है।

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Indian Olympic Association Chief PT Usha
Indian Olympic Association Chief PT Usha | Image: AP/PTI

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने सोमवार को देश में मुक्केबाजी के मामलों के संचालन के लिए पांच सदस्यीय तदर्थ समिति का गठन किया क्योंकि राष्ट्रीय महासंघ समय पर चुनाव कराने में विफल रहा।

भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने कुछ ही घंटों के भीतर आईओए के फैसले को ‘अवैध’ करार दिया और कहा कि वह इस आदेश को रद्द करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेगा। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के पूर्व कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक की अध्यक्षता वाले तदर्थ पैनल से आईओए ने भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के चुनाव जल्द से जल्द कराने को कहा।

आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने एक कार्यालय आदेश में लिखा, ‘‘आईओए भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के प्रशासनिक मामलों की बारीकी से निगरानी कर रहा है। संचालन से जुड़े मानदंडों के अनुसार बीएफआई के चुनाव दो फरवरी 2025 को या उससे पहले कराए जाने थे। निर्धारित समयसीमा के बावजूद चुनाव नहीं हुए हैं जिसके परिणामस्वरूप महासंघ के भीतर प्रशासनिक अस्थिरता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उपरोक्त के मद्देनजर और आईओए में निहित अधिकारों के अनुसार भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के मामलों की देखरेख करने और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव होने तक इसकी गतिविधियों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए एक तदर्थ समिति का गठन किया जाता है।’’

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उषा ने कहा, ‘‘तदर्थ समिति बीएफआई के रोजमर्रा के प्रशासन के लिए भी जिम्मेदार होगी।’’ तदर्थ समिति के अन्य सदस्य राजेश भंडारी (उपाध्यक्ष), डीपी भट, मुक्केबाज शिव थापा और वीरेंद्र सिंह ठाकुर हैं।

आईओए द्वारा तदर्थ पैनल गठित करने के आदेश के कुछ ही घंटों के भीतर बीएफआई ने जवाब दिया। बीएफआई ने एक बयान में कहा, ‘‘बीएफआई अपने मामलों के प्रबंधन के लिए तदर्थ पैनल के गठन की कड़ी निंदा करता है, इसे अवैध और राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) की स्वायत्तता का उल्लंघन करने का एक स्पष्ट प्रयास कहता है। बीएफआई के अध्यक्ष द्वारा आईओए के अध्यक्ष को लिखे गए पत्र में भी इस बारे में बताया गया है।’’

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बयान के अनुसार, ‘‘बीएफआई तुरंत माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष इस अवैध आदेश को रद्द करने के लिए एक याचिका भी दायर करेगा। आज के एक फैसले का उल्लेख करना भी उचित है जिसमें माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय ने बिहार ओलंपिक संघ के लिए तदर्थ पैनल बनाने के आईओए के फैसले को रद्द कर दिया।’’

आईओए प्रमुख ने यह भी कहा कि उनके कार्यालय को हाल के महीनों में विभिन्न महत्वपूर्ण राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय मुक्केबाजों की गैर-भागीदारी के बारे में खिलाड़ियों, कोच और संबंधित अधिकारियों सहित हितधारकों से कई शिकायतें मिली हैं।

उषा ने कहा, ‘‘यह स्थिति वैश्विक मंच पर भारतीय मुक्केबाजी के विकास और प्रदर्शन के लिए हानिकारक है और तत्काल सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता है।’’

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Published By : Ritesh Kumar

पब्लिश्ड 24 February 2025 at 23:22 IST