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पब्लिश्ड 22:56 IST, May 13th 2024

'पारंपरिक फॉर्मेट में सफलता ही...', IPL के बीच पूर्व भारतीय चीफ सेलेक्टर का युवा खिलाड़ियों को संदेश

IPL का जादू फैंस के सिर चढ़कर बोल रहा है, लेकिन इस बीच पूर्व भारतीय कप्तान और चीफ सेलेक्टर दिलीप वेंगसरकर ने युवा खिलाड़ियों को बड़ा संदेश दिया है।

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Dilip Vengsarkar urges young players to aim for Test cricket
वेंगसरकर ने युवा खिलाड़ियों से टेस्ट क्रिकेट को लक्ष्य बनाने का आग्रह किया | Image: PTI

Indian Cricket: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के रोमांच के बीच भारत के पूर्व कप्तान और चीफ सेलेक्टर दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) ने युवा खिलाड़ियों को एक बड़ा संदेश दिया है। वेंगसरकर ने युवा खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट खेलने और उत्कृष्ट प्रदर्शन की सलाह देते हुए कहा कि पारंपरिक फॉर्मेट में सफलता खिलाड़ियों को असली सम्मान दिलाती है।

वेंगसरकर (Vengsarkar) ने कहा कि आजकल माता-पिता T20 लीग से होने वाले आर्थिक फायदे और शोहरत से प्रभावित हो जाते हैं, लेकिन युवा खिलाड़ियों का फोकस रेड बॉल क्रिकेट पर होना चाहिए, जिससे उन्हें दूसरे प्रारूपों में भी मदद मिलेगी।  

पुस्तक के विमोचन पर वेंगसरकर ने कही बड़ी बात

दिलीप वेंगसरकर ने सोमवार को यशस्वी जायसवाल के क्रिकेट कोच रहे ज्वाला सिंह की किताब ‘पाथवे टू क्रिकेटिंग एक्सीलैंस एंड बियोंड’ के विमोचन के मौके पर कहा- 

माता-पिता IPL, उसकी टीमों और खिलाड़ियों की सफलता से प्रभावित हो जाते हैं। 

उन्होंने कहा कि माता-पिता बच्चों को बल्लेबाज बनाना चाहते हैं, लेकिन हर फॉर्मेट में गेंदबाजों का समान महत्व है।

गेंदबाज की हर फॉर्मेट में अहम भूमिका

वेंगसरकर ने कहा-

गेंदबाजों की सिर्फ IPL ही नहीं, बल्कि टेस्ट क्रिकेट में भी अहम भूमिका है। वो मैच विनर हो सकते हैं। देश के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने की कोशिश करो। अगर टेस्ट में अच्छा करोगे तो दूसरे प्रारूपों में भी प्रदर्शन बेहतर होगा। टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन के आधार पर ही आकलन होगा। IPL अच्छा प्रारूप है और इसमें मनोरंजन खूब है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट सर्वोपरि है।

यशस्वी जायसवाल के कोच रहे ज्वाला सिंह ने कहा- 

आप कोई भी खेल चुने, उसके तीन स्तंभ होते हैं। पहला खुद खिलाड़ी, दूसरा माता-पिता और तीसरा कोच। तीनों के संयुक्त प्रयास जरूरी है और ये किताब इसी के बारे में है।  

बता दें कि हाल ही में घरेलू क्रिकेट को लेकर काफी मुद्दा उठा था, जब भारतीय खिलाड़ियों ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को घरेलू क्रिकेट को नजरअंदाज करने की वजह से BCCI के सालाना सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से हाथ धोना पड़ा था। 

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अपडेटेड 22:56 IST, May 13th 2024