अपडेटेड 25 June 2025 at 09:31 IST
हेडिंग्ले के ऐतिहासिक मैदान पर खेले गए पहले टेस्ट में भारतीय टीम को इंग्लैंड के हाथों 5 विकेट से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का यह शुरुआती मुकाबला भारत के हाथों से तब फिसला, जब लग रहा था कि टीम एक मजबूत स्थिति में है। इंग्लैंड को आखिरी दिन 371 रनों का लक्ष्य मिला था, जिसे उसने अंतिम समय में 5 विकेट रहते ही हासिल कर लिया और सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। अब दोनों टीमों के बीच अगला मुकाबला 2 जुलाई से एजबेस्टन में खेला जाएगा।
भारत की इस हार को और भी कड़वा बना दिया इस बात ने कि टीम के चार बल्लेबाजों ने शतक जड़े। यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, केएल राहुल और ऋषभ पंत। पंत ने तो दोनों पारियों में सैकड़ा लगाया, लेकिन इसके बावजूद टीम हार गई। कुल मिलाकर भारत ने 5 शतक लगाए, और फिर भी जीत न पाना कई सवाल खड़े करता है। तो आईए जानते हैं कि कहां चूकी टीम इंडिया।
8 कैच ड्रॉप...खराब फील्डिंग बनी सबसे बड़ी कमजोरी
भारतीय टीम की हार की सबसे बड़ी वजह उसकी लचर फील्डिंग रही। पूरे मुकाबले में टीम ने आठ कैच टपकाए। पहली पारी में छह और दूसरी पारी में दो। अकेले यशस्वी जायसवाल ने चार कैच छोड़े। इनके अलावा जडेजा, पंत, साई सुदर्शन और बुमराह ने भी आसान मौके गंवाए। बेन डकेट को तीन बार जीवनदान मिला, और उन्होंने इसका भरपूर फायदा उठाते हुए दो पारियों में कुल 211 रन जोड़ डाले। ओली पोप को 60 के स्कोर पर मिला जीवनदान उन्हें 160 रन तक ले गया। हैरी ब्रूक और जेमी स्मिथ ने भी इन गलतियों का फायदा उठाया। सबसे शर्मनाक पल तब आया जब बुमराह की गेंद पर ब्रूक 0 पर आउट थे, लेकिन वो नो-बॉल निकली।
लोअर बैटिंग ऑर्डर रहा फ्लॉप
भारत के टॉप ऑर्डर ने 691 रन बनाए, लेकिन बाकी के सात बल्लेबाज सिर्फ 105 रन ही जोड़ सके। पहली पारी में आखिरी सात विकेट सिर्फ 41 रन पर गिरे। दूसरी पारी में छह विकेट 31 रन पर गिर गए। लोअर ऑर्डर की इस विफलता ने भारत को एक बड़ा स्कोर खड़ा करने से रोक दिया और इंग्लैंड को लक्ष्य तक पहुंचने का मौका दिया।
गेंदबाजी में सिर्फ बुमराह पर निर्भरता
जहां जसप्रीत बुमराह ने पहली पारी में 5 विकेट झटके और लगातार दबाव बनाए रखा, वहीं अन्य गेंदबाज पूरी तरह फ्लैट नजर आए। प्रसिद्ध कृष्णा ने दोनों पारियों में 6+ की इकॉनमी से रन दिए। मोहम्मद सिराज और रवींद्र जडेजा भी असरदार नहीं रहे। शार्दुल ठाकुर का प्रयोग बेहद सीमित रहा। पहली पारी में 6 ओवर, दूसरी में और भी कम। बुमराह के अलावा कोई गेंदबाज बल्लेबाजों को दबाव में नहीं ला सका, जिससे इंग्लैंड को आसानी से रन बटोरने का मौका मिला।
कप्तानी में साफ दिखी अनुभव की कमी
शुभमन गिल का यह बतौर कप्तान पहला टेस्ट था, और इसमें उनकी रणनीति अनुभव की कमी को दर्शा गई। गेंदबाजों का सही समय पर रोटेशन नहीं हुआ। फील्ड प्लेसमेंट डिफेंसिव रही, खासकर जब इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज जम चुके थे। जडेजा और ठाकुर जैसे अनुभवी खिलाड़ियों का उपयोग बेहद सीमित और गलत समय पर किया गया।
कुलदीप याद को टीम में ना लेना, बड़ी गलती
स्पिन ट्रैक के अनुरूप चाइनामैन कुलदीप यादव को शामिल न करना एक बड़ा चूक साबित हुआ। उनकी विविधता इंग्लिश बल्लेबाजों के लिए मुश्किल पैदा कर सकती थी। रवींद्र जडेजा को भी दूसरा छोर नहीं मिल पाया। तेज गेंदबाजी यूनिट में अर्शदीप सिंह जैसा लेफ्ट-आर्म विकल्प भी नदारद रहा, जो नए एंगल से इंग्लैंड को चैलेंज दे सकता था। गौरतलब है कि भारत के पास इस मुकाबले को जीतने के कई मौके थे, लेकिन खराब फील्डिंग, निचले क्रम की विफलता, गेंदबाजी में धार की कमी और अनुभवहीन कप्तानी के चलते वो हाथ आए मौके गंवा बैठा। अब भारत के लिए जरूरी है कि अगले टेस्ट से पहले रणनीति सुधार किया जाए, वरना सीरीज में वापसी मुश्किल हो सकती है।
पब्लिश्ड 25 June 2025 at 09:31 IST