अपडेटेड 20 July 2024 at 18:51 IST
आषाढ़ माह की पूर्णिमा को ही क्यों मनाई जाती है Guru Purnima, जानें इसके पीछे की वजह और महत्व
अषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि यह अषाढ़ की पूर्णिमा को ही क्यों मनाया जाता है।
- धर्म और अध्यात्म
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Ashadh maah Me Kyo Manai Jati Hai Guru Purnima: हिंदू धर्म में अषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। सनातन धर्म में इस दिन का बहुत ही खास महत्व माना जाता है। हिंदू धर्म में गुरु का स्थान भगवान के बराबर होता है। भगवान के बाद एक गुरु ही होता है, जो अपने शिष्य को सभी परेशानियों से बचना का रास्ता दिखाता है। ऐसे में सभी गुरुओं (Guru) को समर्पित गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का दिन बेहद खास माना जाता है, लेकिन कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर यह अषाढ़ माह की पूर्णिमा (Purnima) को ही क्यों मनाया जाता है। तो चलिए इसके पीछे की वजह और महत्व के बारे में जानते हैं।
हर साल आषाढ़ मास (Ashadh Maah) की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2024) के रूप में मनाया जाता है। इस बार यह 21 जुलाई 2024 दिन रविवार को पड़ रहा है। इस दिन गुरु की पूजा करने का विधान है, क्योंकि गुरु ही अपने शिष्यों का कल्याण करते हैं। इसलिए गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान माना गया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि अषाढ़ माह की पूर्णिमा को ही गुरु पूर्णिमा का पर्व क्यों मनाया जाता है और इसका महत्व क्या है।
आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन ही क्यों मनाई जाती है गुरु पुर्णिमा?
धार्मिक मान्यता है के मुताबिक आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि के दिन ही वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास (Maharishi Ved Vyas) का जन्म हुआ था। इसलिए वेद व्यास की जयंती पर ही गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima Kyo Manai Jati Hai) मनाई जाती है। इसलिए हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व माना जाता है। उन्होंने महाभारत, श्रीमद् भागवद् गीता और 18 पुराणों की रचना की थी। यही वजह है कि उनके जन्म दिवस को पूरे देश में एक पर्व की तरह मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस दिन का महत्व (Guru Purnima Ka Mahatav) क्या है?
क्या है गुरु पूर्णिमा का महत्व? (Guru Purnima Ka Mahatav)
हिंदू धर्म में बेहद खास माना जाने वाला गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरुओं का सम्मान करने और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का है। गुरु पूर्णिमा का दिन ज्ञान प्राप्ति का प्रतीक है। इस दिन हम सभी अपने गुरुओं से ज्ञान प्राप्त करने का संकल्प लेते हैं और जीवन में सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने का वचन देते हैं।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 20 July 2024 at 18:51 IST