अपडेटेड 20 July 2024 at 16:11 IST
Guru Purnima 2024: कल मनाई जाएगी इस साल की गुरु पूर्णिमा, इस विधि से करें पूजा गुरु होंगे प्रसन्न
सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा का बहुत ही अधिक महत्व माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस पर्व पर पूजा कैसे करें और शुभ मुहूर्त क्या है?
- धर्म और अध्यात्म
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Guru Purnima Puja Vidhi: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का बहुत ही अधिक महत्व माना जाता है। यह हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन मनाई जाती है। सभी पूर्णिमा तिथि का नाम और महत्व अलग-अलग होते हैं, इन्हीं में से एक गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) भी है, जिसका महत्व बहुत ही अधिक माना जाता है। सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा को गुरु (Guru) और शिष्य के पवित्र संबंध का प्रतिबिंब माना जाता है और इस दिन को एक त्योहार की तरह मनाया जाता है। ऐसे में अगर आप गुरु को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो पूजा की विधि (Guru Purnima Puja Vidhi) जानते हैं।
हर साल आषाढ़ माह (Ashadh Maah) के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा (Purnima) तिथि पर गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2024) का पर्व मनाया जाता है। इस साल इस तिथि की शुरुआत 20 जुलाई की शाम 5 बजकर 59 मिनट से हो रही है, जो 21 जुलाई की दोपहर 3 बजकर 46 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में उदयातिथि के मुताबिक इस साल गुरु पूर्णिमा का पर्व 21 जुलाई 2024 दिन रविवार (Sunday) को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं इस दिन शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है?
गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त? (Guru Purnima Shubh Muhurat)
इस साल गुरु पूर्णिमा तिथि पर 3 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। पहला अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 से 12 बजकर 55 मिनट तक है।
दूसरा विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से दोपहर 3 बजकर 39 मिनट तक है।
तीसरा अमृत काल मुहूर्त शाम 6 बजकर 15 मिनट से शाम 7 बजकर 45 मिनट तक है।
गुरु पूर्णिमा पर गुरु को करना है प्रसन्न तो ऐसे करें पूजा (Guru Purnima Puja Vidhi)
- गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर नहा-धोकर साफ सुथरे कपड़े पहने और फिर पूजा कर की सफाई करें।
- इसके बाद अगर आपके कोई गुरु हैं तो उनकी फोटो लें और उन्हें अपना आराध्य मानकर पूजा करें।
- अगर आपके कोई गुरु नहीं है तो आप भगवान विष्णु की इस दिन गुरु के रूप में पूजा कर सकते हैं।
- फिर विष्णु जी या अपने गुरु को फूल अर्पित करें और गुरु की तस्वीर में तिलक लगाएं।
- हार-फूल की माला पहनाएं। गुरु के चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लें।
- उनके उपदेशों को सुनें और उन्हें जीवन में उतारने का संकल्प लें।
- अगर आप ने अभी तक किसी को गुरु नहीं माना है तो ऐसे लोग गुरु पूर्णिमा पर किसी योग्य व्यक्ति को अपना गुरु मान सकते हैं और उनसे गुरु दीक्षा ले सकते हैं।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 20 July 2024 at 16:11 IST