अपडेटेड 19 October 2024 at 22:00 IST
Karwa Chauth: करवा चौथ में क्यों किया जाता है मिट्टी के करवे का इस्तेमाल? माता Seeta से है कनेक्शन
Karwa Chauth 2024: करवा चौथ की पूजा करवे के बिना अधूरी है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इसका कनेक्शन माता सीता और द्रौपदी से है। आइए जानते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
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Karwa Chauth Me Kyo Hoti Hai Mitti Ke Karva Se Puja: करवा चौथ का पर्व भारतीय संस्कृति में पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जल उपवास रखकर पूरे दिन का व्रत (Vrat) करती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। चंद्रदेव को अर्घ्य देने के लिए मिट्टी के करवे (Karwa Chauth) का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि मिट्टी के करवे के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है, लेकिन बहुत कम लोग जानते है ऐसा क्यों?
धार्मिक मान्यता के मुताबिक करवा चौथ (Karwa Chauth) पर मिट्टी के करवे का इस्तेमाल करना बहुत ही शुभ माना जाता है। दरअसल, हिंदू धर्म में कहा गया है कि मिट्टी के करवा में पंच तत्वों यानी अग्नि, हवा, पानी, मिट्टी और आकाश समाहित होता है। जिसकी वजह से यह बेहद शुभ और शुद्ध होता है और इसका इस्तेमाल करवा चौथ (Karwa Chauth Puja Niyam) में पूजा के दौरान चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए किया जाता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि मिट्टी के करवे का माता सीता (Mata Seeta) और द्रौपदी (Draupadi) से खास कनेक्शन है। आइए आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि माता सीता और द्रौपदी का करवे से क्या कनेक्शन है?
मिट्टी के करवे का माता सीता और द्रौपदी से क्या कनेक्शन है? (Karwa Chauth 2024)
धार्मिक मान्यता के मुताबिक जब पहली बार माता सीता और द्रौपदी ने करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत रखा था, तब उन्होंने चंद्र देव को अर्घ्य देने के लिए मिट्टी के करवे का ही इस्तेमाल किया था। तभी से करवा चौथ (Karwa Chauth Par Kyo karte Hai Mitti Ke Karwa Se Puja) पर मिट्टी के कलश से अर्घ्य देने की परंपरा चली आ रही है। वहीं ऐसी भी मान्यता है कि मिट्टी के करवे में माता गौरी का वास होता है। ऐसे में इसकी खासियत और भी ज्यादा बढ़ जाती है। यही वजह है कि हर साल करवा चौथ (Karwa Chauth Puja) की पूजा में मिट्टी के करवे का इस्तेमाल किया जाता है।
करवा चौथ पर करवे में क्या-क्या भर सकते हैं?
धार्मिक मान्यता के मुताबिक करवा माता गौरी का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इसमें शुद्ध और पवित्र चीज ही भरना चाहिए। आप करवे में शुद्ध जल के साथ दूध, गंगाजल और किसी पवित्र नदी का जल भरकर भी रख सकते हैं।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 19 October 2024 at 22:00 IST