अपडेटेड 24 July 2024 at 16:09 IST
Kanwar Yatra 2024: कब से शुरू होगी कांवड़ यात्रा और कब तक चलेगी? जानें पूरी डिटेल
Sawan के महीने में शिव भक्त कांवड़ यात्रा निकालते हैं। इस साल के सावन माह की शुरुआत हो चुकी हैं, तो आइए जानते हैं कि कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) कब शुरू होगी।
- धर्म और अध्यात्म
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Kab Se Shuru Hogi Kanwar Yatra 2024: हिंदू धर्मं में बेहद खास माने जाने वाले सावन (Sawan 2024) महीने की शुरुआत हो चुकी है। इस पूरे मास लोग शिव आराधना में डूबे रहते हैं। पूजा-अर्चना और सोमवार के व्रत (Somwar Vrat) के साथ-साथ सावन में कांवड़ यात्रा निकालने का भी विधान है। हर साल हजारों की संख्या में लोग इस यात्रा में हिस्सा लेते हैं। शिव भक्तों के लिए कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) किसी तीर्थ से कम नहीं होता है। ऐसे में अब जब सावन माह की शुरुआत हो चुकी है, तो आइए जानते हैं कि इस साल कांवड़ यात्रा कब से शुरू हो रही है।
कांवड़ (Kanwar) ले जाने वाले लोगों को कांवड़िया के नाम से जाना जाता है। कांवड़िए पूरी यात्रा पैदल चलकर पूरी करते हैं। वह कांवड़ में गंगाजल (Ganga Jal) भरकर शिवालयों में पहुंचते हैं और शिवलिंग (Shivling) पर जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने पर उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। साथ ही शास्त्रों में कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को अश्वमेघ यज्ञ के समान फल देने बताया गया है, तो चलिए जानते हैं इस साल यह कब से शुरू हो रहा है और कब तक यह यात्रा चलेगी।
कब से शुरू होगी कांवड़ यात्रा? (Kab Se Shuru Hogi Kanwar Yatra)
सावन माह के शुरू होते ही कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाती है। इस साल 22 जुलाई 2024 दिन सोमवार से सावन माह की शुरुआत के साथ ही कांवड़ यात्रा भी शुरू हो चुकी है। इसी के साथ कांवड़िए जल भरने के लिए निकल जाते हैं और हर बार सावन माह की शिवरात्रि पर ही कांवड़ यात्रा का समापन होता है और इसी दिन कांवड़ यात्रा के जल से कांवड़िए शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। इस साल सावन शिवरात्रि 2 अगस्त 2024 की है। ऐसे में पहला जलाभिषेक 2 अगस्त 2024 दिन शुक्रवार को होगा। जो कि 19 अगस्त तक चलेगा।
कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों को इन नियमों का करना चाहिए पालन (Kanwar Yatra Ke Niyam)
न करें इन चीजों का सेवन
कांवड़ियों को कांवड़ यात्रा करते समय किसी भी तरह की नशीली चीजों और मांसाहार और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर आप पाप के भागी होते हैं।
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कैसे लें कांवड़
कांवड़ यात्रा करने वाले व्यक्ति को नहाने के बाद ही कांवड़ को छूना चाहिए और यात्रा के दौरान कांवड़ियों के जत्थे के साथ ही रहना चाहिए।
कहां से भरे जल
भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ में गंगाजल या किसी पवित्र नदी से ही जल भरें। इसमें तालाब, कुएं या किसी नल का जल नहीं भरना चाहिए।
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जमीन पर न रखें कांवड़
कांवड़ यात्रा के दौरान जब आप कहीं आराम करने के लिए रुके तो इस बात का खास ध्यान रखें कि कांवड़ को भूलकर भी जमीन पर न रखें। इसे किसी स्टैंड पर रखें। ऐसा इसलिए क्योंकि जमीन पर कांवड़ रखने से कांवड़ अशुद्ध हो जाता है और फिर से जलभर यात्रा शुरू करनी पड़ती है।
कैसे करें कांवड़ यात्रा
अगर आप पहली बार कांवड़ यात्रा पर जा रहे हैं, तो जान लें कि यह यात्रा पैदल और नंगे पैर की जाती है। साथ ही यात्रा के दौरान बम-बम भोले या शिव जी का जयकारा लगाते हुए यात्रा करनी चाहिए।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 24 July 2024 at 16:09 IST