अपडेटेड 20 November 2025 at 14:52 IST

Vivah Panchami 2025 Kab Hai: 24 या 25 कब है विवाह पंचमी? जानें शुभ मुहूर्त और योग; इस दिन विवाह करना क्यों है वर्जित

Vivah Panchami 2025 Kab Hai: हिंदू धर्म में विवाह पंचमी के दिन राम और सीता जी के शादी की वर्षगांठ मनाई जाती है। अब ऐसे में इस साल विवाह पंचमी कब मनाई जाएगी और इस दिन विवाह क्यों करना वर्जित माना गया है? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

Vivah Panchami 2025 Kab Hai
Vivah Panchami 2025 Kab Hai | Image: Freepik

Vivah Panchami 2025 Kab Hai: हिंदू पंचांग के हिसाब से विवाह पंचमी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है। इसी तिथि पर प्रभु श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था। इसलिए इस दिन को विवाह पंचमी कहते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम ने जब मिथिला में शिव धनुष को तोड़ा, तो माता सीता ने उनके गले में वरमाला डाली। 

उसके बाद पूरे हर्षोल्लास के साथ राम-जानकी जी का विवाह हुआ था। अब ऐसे में सवाल है कि विवाह पंचमी के दिन विवाह करना क्यों वर्जित माना गया है? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। साथ ही ये भी जानेंगे कि इस साल विवाह पंचमी कब है और किस मुहूर्त में पूजा की जाएगी?

24 या 25 कब है विवाह पंचमी?

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का आरंभ 24 नवंबर को रात 09 बजकर 22 मिनट से आरंभ हो रही है और इस तिथि का समापन 25 नवंबर को रात 10 बजकर 56 मिनट पर होगा। इसलिए उदया तिथि के हिसाब से विवाह पंचमी 25 नवंबर मंगलवार को है।

विवाह पंचमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कब है? 

विवाह पंचमी के दिन अगर आप राम जानकी जी की पूजा कर रहे हैं तो शुभ मुहू्र्त के बारे में जान लें। 
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 58 मिनट तक है। 
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक है। 
निशिता मुहूर्त - देर रात 11 बजकर 42 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 35 मिनट तक है।

Advertisement

इसे जरूर पढ़ें - Weak Eyesight:  इस विटामिन की कमी से आपकी आंखें हो सकती है कमजोर, भूलकर भी न करें नजरअंदाज

विवाह पंचमी शुभ योग 

विवाह पंचमी के दिन वृद्धि योग बन रहा है। उसके बाद से श्रवण नक्षत्र शुरू हो जाएगा।

Advertisement

विवाह पंचमी के दिन विवाह करना क्यों है वर्जित? 

लोक मान्यताओं के अनुसार,  जब प्रभु श्रीराम और मां सीता का विवाह हुआ तो कुछ समय बाद ही वह 14 साल के लिए वनवास चले गए। उसके बाद जब राम जी राजा बने तो फिर मां सीता को वियोग सहना पड़ा था। वह वन में अपने पुत्रों के साथ रहने लगीं। इसी कारण विवाह पंचमी के दिन विवाह करना शुभ नहीं माना जाता है। 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 20 November 2025 at 14:52 IST