अपडेटेड 13 February 2025 at 07:39 IST
Vishnuji ki aarti: गुरुवार पूजा में पढ़ें विष्णुजी की ये आरती, जाग जाएगा सोया भाग्य; हर परेशानी होगी दूर
Vishnuji ki Puja: अगर आप विष्णु जी की कृपा पाना चाहते हैं तो आपको गुरुवार के दिन उनकी इस आरती का पाठ जरूर करना चाहिए।
- धर्म और अध्यात्म
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Vishnuji ki aarti: हिंदू धर्म में गुरुवार के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और बृहस्पति देव (Brihaspati Dev) की पूजा की जाती है। माना जाता है कि जो व्यक्ति गुरुवार के दिन पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करता है उस पर भगवान हमेशा अपनी कृपा बनाए रखते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) की भी पूजा की जाती है।
ऐसे में अगर आप भी गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने जा रहे हैं तो आपको विष्णु जी इस आरती का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे आपके सभी दुख दूर होंगे और आपकी हर मनोकामना पूरी होगी। तो चलिए जानते हैं विष्णुजी की आरती के बारे में।
श्री विष्णु आरती (Vishnuji ki aarti)
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तों के संकट को, तुम क्षण भर में दूर करो
ॐ जय जगदीश हरे...
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जो तुम्हें ध्यान से ध्याये, उसका हर दुःख दूर हो जाता है
स्वामी, दुःख दूर हो जाता है।
सुख और सम्पत्ति घर में आती है, तन के कष्ट दूर होते हैं
ॐ जय जगदीश हरे...
माता-पिता तुम हो मेरे, मैं किसकी शरण लूं
स्वामी, मैं किसकी शरण लूं।
तुम बिन और कोई नहीं, केवल तुमसे आस लगाऊं
ॐ जय जगदीश हरे...
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तुम पूर्ण परमात्मा हो, तुम अंतर्यामी हो
स्वामी, तुम अंतर्यामी हो।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी हो
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम करुणा के सागर हो, पालनकर्ता हो
स्वामी, तुम पालनकर्ता हो।
मैं मूर्ख और अधम हूं, कृपा करो भर्ता
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम हो अगोचर, सबके प्राणपति हो
स्वामी, तुम सबके प्राणपति हो।
किस प्रकार मिलूं मैं तुमसे, हे दयामय, जब मेरी मति कुंठित हो
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम दीनबन्धु और दुख हर्ता हो, तुम ही मेरे ठाकुर हो
स्वामी, तुम ही मेरे ठाकुर हो।
अपने हाथ उठाओ, तुम्हारे द्वार पर गिरा हूं मैं
ॐ जय जगदीश हरे...
विषय और विकारों को दूर करो, पापों को हर लो, देवा
स्वामी, पाप हर लो, देवा।
श्रद्धा और भक्ति को बढ़ाओ, संतो की सेवा करो
ॐ जय जगदीश हरे...
श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गाता है
स्वामी, जो कोई नर गाता है।
कहत शिवानन्द स्वामी, उसे सुख और सम्पत्ति प्राप्त होती है
ॐ जय जगदीश हरे…
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 13 February 2025 at 07:39 IST